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देहरादून। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यूनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन सी.एस.आर सहयोग के माध्यम से विमान बनाने वाली विश्व की अग्रणी कंपनी एयरबस इंडिया के साथ मिलकर देहरादून में 300 प्लास्टिक बैंकों की स्थापना करेगा। एयरबस ऐरो स्पेस इंडस्ट्री में दुनिया की एक जानी-मानी, प्रमुख कंपनी है। एयरबस कमर्शियल एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रही है। कंपनी दुनिया भर में ग्राहकों के लिए एयरोस्पेस उत्पादों, सेवाओं और समाधानों के डिजाइन, निर्माण और वितरण में अग्रणी है। यह यूरोप की सबसे बड़ी वैमानिकी और अंतरिक्ष कंपनी है और एविएशन उद्योग में सबसे आगे है।

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज़ (एसडीसी) फाउंडेशन देहरादून स्थित पर्यावरण क्रियान्वयन और एडवोकेसी समूह है। फाउंडेशन उत्तराखंड में सतत विकास और नागरिक सहभागिता के मुद्दों पर लगातार काम कर रहा है। इसके कार्य क्षेत्र में मुख्य रूप से जलवायु और पर्यावरण संरक्षण, सतत शहरीकरण और ठोस और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन शामिल हैं।

एसडीसी फाउंडेशन और एयरबस के समझौते के तहत एसडीसी फाउंडेशन प्लास्टिक बैंकों के माध्यम से प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करेगा। इस कचरे को एक जगह जमा करके अलग-अलग तरह के प्लास्टिक को फाउंडेशन के सेग्रीगेशन सेंटर में छांटा जाएगा और सीएसआईआर-आईआईपी की प्लास्टिक से ईंधन परियोजना के लिए सौंपा जाएगा। एसडीसी फाउंडेशन पहले भी देहरादून में प्लास्टिक बैंक योजना पर काम कर चुका है।

ये प्लास्टिक बैंक स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, शोरूम, सरकारी ऑफिस, अस्पताल, धार्मिक स्थल, होटल और अपार्टमेंट आदि में स्थापित किए जाएंगे। अगले 6 महीने में 70 से 80 प्लास्टिक बैंक खोलने का लक्ष्य रखा गया है। मार्च 2025 तक 250 से 300 प्लास्टिक बैंक स्थापित कर दिए जाएंगे। इस अभियान के तहत लोगों को, और खासकर छात्रों और युवा वर्ग को वर्कशॉप, सफाई अभियान और रैलियों के माध्यम से प्लास्टिक उपयोग में कमी, इसके दुबारा इस्तेमाल करने और रीसाइक्लिंग के प्रति जागरूक किया जाएगा।

एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने एयरबस के साथ साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि “बदलती जीवनशैली और पर्यटकों की बड़ी आमद के साथ पिछले कई वर्षों में प्लास्टिक कचरे में काफी वृद्धि हुई है। इस प्रोजेक्ट के तहत सेग्रीगेशन के अलावा प्लास्टिक कचरे को वैज्ञानिक तरीके से रीसायकल किया जाएगा। एक ओर जहां ये सर्कुलर इकॉनमी की सोच को गति देगा, वहीँ प्लास्टिक बैंकों के माध्यम से देहरादून शहर में प्लास्टिक कचरे का बोझ भी कम होगा ”।

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