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देहरादून। हाईकोर्ट का आदेश दिन में आया और रात से माफियाओं ने नदियों में मशीने उतारना शुरू कर दिया। जबकि आदेश में साफ साफ लिखा हुआ है कि खनन से रोक बरकरार है। खनन के लिए किसी भी मशीन का प्रयोग नहीं किया जा सकता है चाहे कोई भी परिस्थिति हो। परन्‍तु माफियाओं को सिर्फ इतना समझ में आया कि नदियों में मशीनों से खनन पर रोक हट गयी। इसके चलते माफिया नदियों में मशीनों को लेकर उतर गये और विभागीय अधिकारियों को  हाईकोर्ट के उस आदेश का हवाला दे रहे हैं जिसमें साफ साफ लिखा है कि अब नदियों में मानक संचालन प्रक्रिया के आधार पर मशीनों से मलबा निकालने का काम हो सकेगा।

बताते चलें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश की नदियों में मशीनों से मलबा निकालने पर लगी रोक को हटा दिया है। अब नदियों में मानक संचालन प्रक्रिया के आधार पर मशीनों से मलबा निकालने का काम हो सकेगा। लेकिन मशीनों से नदियों में खनन कार्य करने पर रोक बरकरार रहेगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने 19 दिसंबर 2022 को दिए कोर्ट के पूर्व के आदेश में संशोधन किया है। राज्य सरकार ने कोर्ट से आदेश को संशोधन करने की मांग की थी। इसमें कहा गया था कि मशीनों के बिना नदियों में बाढ़ सुरक्षा कार्य और बाढ़ के कारण आए मलबे को निकालने यानि ड्रेजिंग के कार्य में काफी दिक्कत आ रही है। सरकार मॉनिटरिंग के लिए ठोस कदम उठा रही है। इस पर कोर्ट ने ड्रेजिंग के लिए मशीनों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी। मामले के अनुसार, ऊधमसिंह नगर जिले के ग्राम गुलजारपुर निवासी प्रिंसपाल सिंह और गगन प्रसाद ने जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि यूएस नगर जिले में रामनगर रेंज के गुलजारपुर स्थित जंगलों से लगातार अवैध खनन हो रहा है। इसे तत्काल रोका जाए, क्योंकि इससे वन संपदा को भी नुकसान पहुंच रहा है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि खनन कार्य में भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने सुनवाई की है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद पछवादून में खनन माफिया रात को ही नदियों में मशीने लेकर उतर गये। सबसे अधिक अवैध खनन एन एच के कार्य में लगे हुए माफिया कर रहे है। एन एच के नाम पर लगातार नदियों के किनारे ही नहीं बल्कि बीच पानी में भी लगातार खनन किया जा रहा है। यहां पोकलेन और जेसीबी से लगातार खनन किया जा रहा है। कुछ दिन पहले विभाग ने कार्रवाई कर इस तरह के अवैध खनन को रूकवा दिया था लेकिन दो बाद ही फिर से धड़ल्‍ले से नदियों का सीना चीरा जा रहा है। लगातार शिकायतों के बाद भी विभागीय अधिकारी जाग नहीं रहे हैं।

इन अधिकारियों को कोई शिकायत मिलती है तो ये एक आध मशीन सीज करने का नाटक करते हैं जबकि वहां कई  मशीनें चलती हैं। वर्तमान में कल्‍याणपुर, सभावाला, शेरपुर में लगातार मशीन चल रही हैं। जिले के खनन अधिकारी को इसकी जानकारी देने के बाद भी वहां कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। पूरे पछवादून में इन दिनों लगातार मशीनों के द्वारा नदियों का सीना चीरा जा रहा है और विभागीय अधिकारी चुप चाप बैठै हैं।

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