

हल्द्वानी। अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में बागजाला गांव की जनता की पेयजल, सड़क, विकास कार्यों और निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटाने, जल जीवन मिशन योजना को शुरू करने, मालिकाना अधिकार देने, पंचायत प्रतिनिधि चुनने के अधिकार को बहाल करने जैसी मूलभूत नागरिक सुविधाओं की मांग को लेकर के समाधान को लेकर बुधपार्क हल्द्वानी में चेतावनी रैली सम्पन्न हुई। इस रैली को तमाम संगठनों ने समर्थन दिया। रैली के बाद उपजिलाधिकारी हल्द्वानी के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी नैनीताल को भेजा गया।
अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि, चेतावनी रैली के प्रचार में जिस तरह से पहले पुलिस ने फिर गांव के भाजपा नेताओं ने बाधा डालने, डराने की जबरिया कोशिश की उसके खिलाफ आज बागजाला के लोगों ने बड़ी संख्या भागदारी की और तमाम आंदोलनकारी शक्तियों ने एकता दिखाई है वह स्वागत योग्य है। यह एक एक डरी हुई सरकार है, जो जनता को डराना चाहती है, इसका जवाब जनता की एकता है।
उन्होंने कहा कि, बागजाला के नजदीक स्टेडियम, चिड़ियाघर बनने और बस अड्डा, हाईकोर्ट आने की चर्चा के बाद इन बड़े प्रोजेक्ट के पास स्थित बागजाला की बेशकीमती जमीन को भाजपा की आपकी सरकार गरीबों, किसानों से छीनकर पूंजीपति बिल्डरों को देने का इरादा रखती है।
भाकपा माले राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि, इस राज्य के मुख्यमंत्री गरीबों को उजाड़ने पर आमादा हैं। पहाड़ से लेकर मैदान तक गरीब जनता को अपनी जमीनों से बेदखल करने का काम भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा है। कई जगहों पर लोग पहले बसे और सड़क बाद में आई, ऐसी जगहों पर भी बुलडोजर चलाने का काम धामी सरकार कर रही है। इसके लिए जनता को धार्मिक विभाजन की आग में झौंका जा रहा है, यह राज्य को विनाश की तरफ ले जाने वाला रास्ता है इसको रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, आंदोलन के बल पर बने राज्य में चेतावनी रैली का प्रचार कर रहे साथियों को धमकाने का काम करने वाली पुलिस भाजपा के कैडर की तरह व्यवहार कर रही है।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुर्गा सिंह मेहता ने कहा कि, गरीबी की हालात में जिन जमीनों पर दशकों पूर्व से लोग बस चुके हैं उन जमीनों को पक्का करके लोगों को मालिकाना दिया जाए यही न्याय का तकाजा है।
भाकपा माले केंद्रीय कंट्रोल कमीशन चेयरमैन राजा बहुगुणा ने कहा कि, जनविरोधी फासीवादी भाजपा की विदाई बहुत जरूरी है। इस सरकार ने जनता का जीना मुहाल कर दिया है। बागजाला की जनता अपनी संविधान सम्मत मांगो के लिए लड़ रही है इसके लिए व्यापक जन एकता वक्त की मांग है।
चेतावनी रैली के माध्यम से चेतावनी दी गई कि बागजाला की समस्याओं का समाधान तीन सप्ताह में नहीं हुआ तो चेतावनी रैली के माध्यम से हम आपकी राज्य सरकार को चेतावनी देना चाहते हैं कि हमारे पास अनिश्चिकालीन आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। यह भी मांग की गई कि बागजाला गांव में 24 मई को शांतिपूर्ण जन संपर्क अभियान चला रहे कार्यकर्ताओं को धमकाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
चेतावनी रैली के माध्यम से मांग की गई कि वन विभाग द्वारा बागजाला में दिए गए सभी नोेटिस रद्द किए जाएं। बागजाला वासियों को स्थाई रूप से निवास की अनुमति देते हुए “जो जहां पर है वहीं पर” भूमि का मालिकाना करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके लिए राज्य सरकार विधानसभा में बागजाला की भूमि को डिस्फोरेस्ट करने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के वन मंत्रालय को भेज अनापत्ति प्राप्त कर बागजाला को राजस्व गांव बनाने की प्रक्रिया शुरू करे।
बागजाला में निर्माण कार्य और विकास कार्यों पर लगी रोक को खत्म किया जाए और निर्माण कार्य की अनुमति दी जाए। बागजाला की पेयजल समस्या का समाधान किया जाय, जल जीवन मिशन की रोकी गई योजना का कार्य तत्काल शुरू किया जाए। वन विभाग द्वारा तोड़ी गई सीसी रोड का काम पुनः शुरू किया जाए। नए विद्युत कनेक्शन पर लगी रोक हटाई जाए।
बागजाला को पूर्व की भांति पंचायत चुनाव का अधिकार दिया जाय।साउथ एशिया पीजेंट्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी पुरुषोत्तम शर्मा, भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, राजा बहुगुणा, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुर्गा सिंह मेहता, उपपा महासचिव प्रभात ध्यानी, समाजवादी लोक मंच के मुनीश कुमार, आम आदमी पार्टी के डी के कोटलिया, अब्दुल कादिर, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, ट्रेड यूनियन ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री के के बोरा, अंबेडकर मिशन के जी आर टम्टा, भीम आर्मी के नफीस अहमद खान, आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष कमला कुंजवाल, विकास, हरीश लोधी, सुंदर लाल बौद्ध, बागजाला गांव किसान महासभा की अध्यक्ष उर्मिला रैस्वाल, वेद प्रकाश, पंकज चौहान, रईस अहमद, विमला देवी, यासीन, किसान महासभा के जिला अध्यक्ष भुवन जोशी, बिंदुखत्ता व्यापार सभा के अध्यक्ष प्रभात पाल, ललित मटियाली, हनीफ, त्रिलोक राम, कुंवर राम, अनीता, आइसा जिला अध्यक्ष धीरज कुमार, आइसा रामनगर अध्यक्ष सुमित, पुष्कर दुबड़िया, चन्दन सिंह मटियाली, हरक सिंह बिष्ट, विशाल आदि समेत सैकड़ों की संख्या में बागजाला गांव के ग्रामीण शामिल रहे। चेतावनी रैली की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता बहादुर सिंह जंगी और संचालन किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने किया।


