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नैनीताल। हाईकोर्ट ने नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान बीती 14 अगस्त को हुए पांच सदस्यों के कथित अपहरण को लेकर स्वतः संज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। पूर्व के आदेश पर सीआईडी की ओर से मामले में अभी तक हुई जांच की कोई प्रगति रिपोर्ट पेश नहीं की और न ही उस दौरान फरार आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की। ऐसे में कोर्ट ने 17 अक्तूबर को सुनवाई होने से पहले, अब तक जितनी कार्रवाई की गई है, उसकी प्रगति रिपोर्ट पेश करने को सरकार से कहा है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में हुई सुनवाई पर सरकार और मामले की जांच कर रहे चार आईओ कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है। उनके ओर से घटना के दिन चार मुकदमे दर्ज किए हैं। जिसपर कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई और उन मुकदमों की वर्तमान स्थिति के बारे में बताने को कहा है। विपक्षियों की ओर से कहा गया कि पूर्व में कोर्ट ने प्रगति रिपोर्ट तलब की थी, जो अभी तक पेश नहीं की गई। न ही अपहरण करने वालों के खिलाफ केस दर्ज हुआ।

मामला कोर्ट में आने के बाद एसएसपी ने थाने के पुलिस कर्मी को संस्पेंड किया और जांच में कोई प्रगति नहीं हुई। वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि घटना के दिन सदस्यों के अपहरण करने के मामले की जांच राज्य सरकार ने सीआईडी को दे दी है। जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है। सरकार ने सीआईडी की जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए फिर से समय की मांग की। जिसका विरोध करते हुए पीड़ितों की ओर से कहा गया कि मामले की जांच सीआईडी के बजाय उच्च स्तर की जांच एजेंसी से कराई जाए। ऐसे में कोर्ट ने सरकार से अब तक हुई कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। बता दें कि बीती सुनवाई पर कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि मामले की स्वत्रंत जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें। लेकिन रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की गई। जबकि चुनाव हुए दो माह का समय बीत चुका है।

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