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देहरादून। मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी और उसके गैंग के खिलाफ टेंडर दिलाने के झांसे में ठगी करने को लेकर एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। दिल्ली के कारोबारी से 70 लाख रुपये की ठगी के मामले में सोमवार को यह केस दर्ज किया गया है। यह गैंग कई राज्यों के कारोबारियों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। आरोपियों में एक दिल्ली पुलिस का एएसआई भी शामिल है।

माणिक खुल्लर निवासी जोर बाग, नई दिल्ली की शिकायत पर शहर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है। आरोप है कि उनका परिचित आशु मोरे दिल्ली यातायात पुलिस में एएसआई है। उसने अंजेलिना मोरे, शिवम वत्स, सौरभ वत्स, नंदिनी वत्स, करणवीर, शाहरुख खान और मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी पीसी उपाध्याय के साथ मिलकर उसे सरकारी टेंडर दिलाने का झांसा दिया।

आरोपी सौरभ वत्स ने खुद को उत्तराखंड सरकार के प्रमुख सचिव का सहायक बताया। शुरुआत में झांसा दिया वह 30 लाख रुपये का निवेश करेंगे तो राज्य के सभी 13 जिलों में डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर मिलेगा। जिसका कुल मूल्य 19.5 करोड़ रुपये होगा। आरोपी पीसी उपाध्याय ने पीड़ित के साथ सचिवालय में बैठक की। टेंडर देने के लिए कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए। इस टेंडर के नाम पर मार्च 2023 में कुल 48 लाख रुपये ले लिए गए। टेंडर मिलने में देरी हुई तो आरोपियों ने एक और टेंडर का लालच दिया। जिसमें सोलर स्ट्रीट लाइट सप्लाई का झांसा दिया। पीड़ित का आरोप है कि गैंग ने उनसे कुल 70 लाख रुपये की ठगी की। शहर कोतवाल ने बताया कि शिकायत पर आठों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पीसी उपाध्याय, सौरभ वत्स गैंग के खिलाफ देहरादून में ठगी का यह आठवां केस है। पिछले साल इस गैंग के खिलाफ सात मुकदमे दर्ज हुए। मामले में सौरभ वत्स और पीसी उपाध्याय पूर्व में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
पीसी उपाध्याय, सौरभ वत्स गैंग के खिलाफ देहरादून में ठगी का यह आठवां केस है। पिछले साल इस गैंग के खिलाफ सात मुकदमे दर्ज हुए। मामले में सौरभ वत्स और पीसी उपाध्याय पूर्व में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

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