नानकमत्ता। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधम सिंह नगर डॉ0 मंजुनाथ टीसी ने नानकमत्ता हत्याकांड के मामले में महत्वपूर्ण अपडेट दिए हैं। हत्याकांड में सहायता करने वाले 04 आरोपियों को मय दो वाहन (कार)के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। दोनों फरार अपराधियों(शूटरों) पर ईनाम राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 28 मार्च को थाना नानक मत्ता पर सुचना प्राप्त हुई की डेरा कार सेवा नानक मत्ता के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह को अज्ञात मोटर साइकिल सवारों ने द्वारा गोली मार दी गयी है। जिस पर थाना नानकमत्ता पुलिस टीम द्वारा मौका मुयायना किया गया तो जानकारी हुई कि डेरा कर सेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह प्रातः डेरे के बरामदे में कुर्सी में बैठे थे कि समय करीब 06 17 बजे एक मोटरसाइकिल पर दो अज्ञात व्यक्ति आये जिसमें से पीछे बैठे व्यक्ति के द्वारा अपने पास ली हुई राइफल से बाबा तरसेम सिंह पर दो फायर करे और मौके से मोटरसाइकिल में फरार हो गए गोली लगने से बाबा तरसेम सिंह वही मौके पर घायल होकर गिर गए जिनको उनके सेवा दारों द्वारा उपचार हेतु तुरंत पंच रत्न अस्पताल नानक मत्ता ले जाया गया जहां डॉक्टर द्वारा उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया जिस पर सेवादारों द्वारा बाबा तरसेम सिंह को स्वास्तिक अस्पताल खटीमा ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई ।
घटना की सूचना मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद उधम सिंह नगर एवं पुलिस अधीक्षक नगर रुद्रपुर एवं क्षेत्राधिकारी खटीमा एवं क्षेत्राधिकारी सितारगंज व जनपद के अलग-अलग थानों के थानाध्यक्ष व प्रभारी निरीक्षकों तथा फील्ड यूनिट जनपद उधम सिंह नगर , विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम , एसओजी टीम एवं एसटीएफ कुमायूं रेंज उत्तराखंड आदि द्वारा मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया गया।
जिनको वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा घटना के खुलासे हेतु निर्देश दिए गए एवं घटना के खुलासे के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्वारा 11 टीमों का गठन किया गया। प्रत्येक टीम को घटना के खुलासे हेतु अलग-अलग कार्य आवंटित किए गए। घटना के परिपेक्ष में पुलिस उप महा निरीक्षक कुमायूं परिक्षेत्र द्वारा भी घटनास्थल का निरीक्षण एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थलों का निरीक्षण किया गया। गठित टीमों को अनावरण हेतु उचित दिशा निर्देश दिए गए । घटना की संवेदनशीलता के दृष्टिगत पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड के द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया और घटना के खुलासे हेतु स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम एसआईटी का गठन किया गया
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम द्वारा की गई जांच के उपरांत यह तथ्य प्रकाश में आया कि घटना को जिन दो लोगों के द्वारा कारित किया गया है, उनमें से एक व्यक्ति की पहचान सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह, निवासी तरन तारण,पंजाब,के रूप में हुई और दूसरे व्यक्ति की शिनाख्त अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सरदार, सुरेंद्र सिंह निवासी नगली फतेहगढ़,चूड़ियां रोड, थाना कम्मो, जिला अमृतसर पंजाब के रूप में हुई है । यह भी जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों व्यक्ति 19/3/24 को गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में आए हुए थे और उनके द्वारा गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब की सराय में कमरा नंबर 23 में 19/3/24 से ही रुके हुए थे । सराय के उक्त कमरे को लेने से पूर्व अभियुक्त सर्वजीत सिंह के द्वारा अपनी आई डी, आधार कार्ड, नम्बर एवं मोबाइल नंबर को सराय के रजिस्टर में दर्ज किया हुआ था I सर्वजीत सिंह के बारे में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि यह व्यक्ति पूर्व में कई अपराधिक गतिविधियों में लिप्त था और इसके आपराधिक इतिहास की जानकारी करने पर इसके विरुद्ध लगभग एक दर्जन अभियोग गम्भीर धाराओं में पंजीकृत होना पाया गया । सर्वजीत सिंह के मोबाइल की कॉल डिटेल के अनुसार वह 19/3/24 से लेकर 27/3/24 तक रामपुर/ बाजपुर/किच्छा/बरेली/शाहजहांपुर आदि में घूमता रहा प्राप्त सीसीटीवी फुटेज और मैनुअल इनपुट के आधार पर उपरोक्त दोनों अभियुक्त गणों की उचित शिनाख्त हुई है ।
प्राप्त मैन्युअल इनपुट और इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के आधार पर ज्ञात हुआ कि दोनों अभियुक्त गणों के द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और मोबाइल फोन दिनांक 14/3/24 को कस्बा तिलहर,थाना तिलहर,जनपद शाहजहांपुर से क्रय किए गए थे । प्राप्त मोबाइल नंबरों के आधार पर अभियुक्त गणों के पुराने नंबर प्राप्त हुए,जिनके विश्लेषण के उपरांत यह जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों अभियुक्त गण जनपद शाहजहांपुर, तहसील पुवायां के ग्राम कबीरपुर निवासी दिलबाग सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह एंव बलकार सिंह,सतनाम सिंह, परगट सिंह,हरविन्द्र सिंह उर्फ़ पिंदी आदि के सम्पर्क में माह फरवरी 2024 से थे । उपरोक्त लोगों के द्वारा कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों के कहने पर गुरुद्वारा नानक मत्ता साहिब स्थित डेरा कार सेवा एंव तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरों के प्रबधन अपने वर्चस्व में लेने के आशय से बाबा तरसेम सिंह की हत्या की योजना बनाई गयी थी । इस योजना के अनुसार दिलबाग सिंह और उसके साथियों ने एक सुनोयोजित तरीके से पेशेवर अपराधियों सबरजीत सिंह, अमर जीत सिंह उर्फ़ बिट्टू उपरोक्त को को अपने द्वारा निर्धारित किए गए कार्य के लिए 10 लाख रुपए में हायर किया गया और घटना से पूर्व दोनों अपराधियों को 1,60000 रुपए एडवांस के तौर में दिए गए । दोनों अपराधियों को घटना करने के लिए हर प्रकार की सुविधा प्रदान की गई । सुनोयोजित साजिश के तहत हायर किये गये । अभियुक्त गण सबरजीत सिंह अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू के द्वारा दिनांक 19/3/24 को नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब की सराय में कमरा नंबर 23 किराए पर लिया गया और 19/3/24 से लेकर दिनांक घटना तक निरंतर वहीं पर रहकर और घूम फिर कर बाबा तरसेम सिंह के प्रतिदिन के दिनचर्या की जानकारी की गई और इसके उपरांत इन दोनों के द्वारा नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के एक कर्मचारी अमनदीप सिंह उर्फ़ काला पुत्र कुलदीप सिंह, निवासी बरा जगत थाना अमरिया, जिला पीलीभीत को अपने प्रभाव में लेकर व लालच देकर उसकी सहायता से 28/3/24 को बाबा तरसेम सिंह की सही-सही लोकेशन ज्ञात कर ली और उसके उपरांत सराय से निकलकर डेरा कर सेवा में जाकर बाबा तरसेम सिंह को गोली मार दी । सीसीटीवी फुटेज आदि के आधार पर यह जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों अपराधी घटना कारित करने के उपरांत सीधे मुकदमा उपरोक्त के षड्यंत्रकारी दिलबाग सिंह,निवासी ग्राम कबीरपुर ,तहसील पुआयाँ जिला शाहजहांपुर के घर पर पहुंचे और वहां से उनके द्वारा दिलबाग सिंह और उसके साथियों से पूर्व में निर्धारित की गई धनराशि में से पांच लाख रूपये प्राप्त कर लिए और फिर अभियुक्त दिलबाल की सहायता से फरार हो गये । फरार शूटर सरवजीत व अमरजीत की गिरफ्तारी पर कुमायूं रेंज स्तर से 50,000 का नगद इनाम घोषित किया गया है ।
अग्रिम विवेचना में थाना नानकमत्ता पुलिस द्वाराअभियुक्त दिलबाग सिंह पुत्र लक्षमण सिंह निवासी ग्राम कबीर पुर थाना निगोही जिला शाह जहाँ पुर,अमनदीप सिंह उर्फ़ काला पुत्र कुलदीप सिंह निवासी बरा जगत थाना अमरिया जिला पीलीभीत, हरमिंदर ऊर्फ पिंदी पुत्र मलकीत सिंह निवासी रणधीर पुर थाना तिलहर जिला शाह जहाँ पुर, बलकार सिंह पुत्र दर्शदा निवासी ग्राम बाधे कंजा थाना करेली जिला पीलीभीत को विभिन्न स्थानो से गिरफ्तार किया गया।