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हल्द्वानी। भाकपा (माले) का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन हल्द्वानी के एक बैंकट हॉल में संपन्न हुआ। सम्मेलन में 19 सदस्यीय नई राज्य कमेटी का चुनाव किया गया। नवनिर्वाचित राज्य कमेटी ने सर्वसम्मति से कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी को पार्टी का उत्तराखण्ड राज्य सचिव चुना। सम्मेलन में सीपीएम के राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी का एकजुटता और शुभकामना संदेश पढ़कर सुनाया गया। बीच बीच में साथियों द्वारा जनगीत प्रस्तुत किए गए। सम्मेलन में राज्य के सभी जिलों से चुने गए 80 प्रतिनिधि मौजूद रहे।
राज्य सम्मेलन के प्रतिनिधि सत्र को संबोधित करते हुए माले पोलित ब्यूरो की ओर से राज्य प्रभारी संजय शर्मा ने कहा कि, उत्तराखंड लंबे अरसे से भाजपा के डबल इंजन के शासन के साये तले है। डबल इंजन में रोजगार के अवसरों से लेकर जल-जंगल-जमीन तक की लूट ही डबल हुई है। भर्ती घोटालों में भाजपा नेताओं की संलिप्तता सबके सामने हैं। बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए सरकार का खजाना खाली है लेकिन अपनी पार्टी के नेताओं को दायित्वधारी बना कर उन पर सार्वजनिक धन लुटवाया जा रहा है।

भाकपा माले राज्य सचिव चुने जाने के बाद इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि, उत्तराखण्ड राज्य में संसाधनों और रोजगार के अवसरों की लूट के खिलाफ एक सशक्त वाम लोकतांत्रिक आंदोलन खड़ा करना और भाजपा के विरूद्ध वाम जनवादी ताकतों की एकता को मजबूत बनाना भाकपा माले की प्राथमिकता में रहेगा। भाजपा के राज में राज्य के भीतर सांप्रदायिक उन्माद और जातीय उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बड़ी तेजी से बढ़ी हैं। इस पर रोक लगाने के लिए वाम प्रगतिशील लोकतांत्रिक शक्तियों के संयुक्त जन अभियान समेत अन्य पहलकदमियों को लिया जाएगा।

सम्मेलन के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजीव डिमरी ने फासीवादी ताकतों से लड़ने के लिए पार्टी संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनता के बीच अपनी विचारधारा का व्यापक प्रचार प्रसार कर लोकतांत्रिक मूल्यों को कैसे मजबूत किया जाय यह कार्यभार पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने हाथों में लेना होगा।

सम्मेलन में उत्तराखंड की शिक्षा, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, पलायन, जनविरोधी विकास, जोशीमठ की जनता के पुनर्वास एवं अन्य मांगों को पूरा किए जाने, बिंदुखत्ता राजस्व गांव, खत्तावासियों गुर्जरों के अधिकार, अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों का उत्पीड़न और इसका सांप्रदायिक इस्तेमाल, सिडकुलो और अन्य फैक्ट्रियों मजदूर पक्षीय कानून लागू करने, आशा आंगनबाड़ी भोजनमाता सहित सभी स्कीम वर्कर्स को नियमित कर्मचारी का दर्जा, आवारा गोवंश से खेत खेती और किसानों की रक्षा, सभी भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच, उत्तराखंड में सम्पूर्ण भूमि सुधार लागू करने, गौला समेत सभी नदियों के किसी भी किस्म के निजीकरण पर रोक लगाने जैसे तमाम सवालों पर व्यापक जन आंदोलन खड़ा करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए संकल्प लिया गया।

इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता राजा बहुगुणा, राजेन्द्र प्रथोली, पुरुषोत्तम शर्मा, विजय कुमार, श्रीकांत, अतुल सती, के के बोरा, आनंद नेगी, बहादुर सिंह जंगी, धीरज कुमार, एडवोकेट कैलाश जोशी, ललित मटियाली, जोगेंद्र लाल, भुवन जोशी, अमनदीप कौर,दीपा पांडेय, अंकित उछोली, दीपक कांडपाल, दीक्षय, मदन मोहन चमोली, रोबिन सिंह, शबनम , लक्ष्मी, के एन डिमरी, प्राची, रेखा, नेहा, सुमित, उदय, विवेक, महेंद्र मौर्य, श्याम बिष्ट, मनोहर, वीर भद्र भंडारी, हिमानी, गोविन्द जीना, पुष्कर दुबड़िया, किशोरी लाल, सुबोध, मदन धामी, आंनद दानू, भरत चौकियाल, कपूर सिंह, विनोद , पृथ्वी पाल सिंह, जगत सिंह गुसाईं, समरवीर, प्रियंका, हिमांशी, आशुतोष नेगी, शिवांक नौटियाल, आदि मुख्य रूप मौजूद रहे।

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