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एडिटर इन चीफ अजय अनेजा

अंकिता हत्याकांड को हुए भले ही 1 माह का समय बीत चुका है परंतु यह हत्याकांड आज भी उत्तराखंड ही नहीं वरन पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना हुआ है, उत्तराखंड के उच्च न्यायालय में दायर याचिका में सुनवाई के दौरान यमकेश्वर से भाजपा विधायक रेणु बिष्ट की और मुश्किलें बढ़ती जा रही है। याचिका में ऋषिकेश में भाजपा से निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के स्वामित्व वाले रिसॉर्ट पर बुलडोजर कार्रवाई विवाद चर्चा में हैं।
आरोप है कि यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट के निर्देश पर वनंतरा रिजॉर्ट में बुलडोजर चलाकर अपराध से जुड़े सबूतों को नष्ट किया गया. पौड़ी गढ़वाल की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या का मुख्य आरोपी आर्य है।
इस बीच, उच्च न्यायालय ने मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल से केस डायरी के साथ स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है। न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकल पीठ ने पौड़ी गढ़वाल निवासी आशुतोष नेगी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर को तय की गई है

याचिकाकर्ता नेगी का कहना है कि ‘ विधायक के निर्देश पर रात्रि में बुलडोजर ने रिसॉर्ट के कुछ हिस्सों को नष्ट कर दिया। कार्रवाई के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण फोरेंसिक साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ की गई।’ उन्होंने कहा की वे एसआईटी की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। इसलिए उन्होंने न्यायालय से मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। विदित रहे कि
23 और 24 सितंबर की रात को तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई। आरोप है कि उस वक्त भाजपा विधायक रिजॉर्ट के बाहर मौजूद थी। उन्होंने अपने फेसबुक पर एक वीडियो बयान भी पोस्ट किया। इसमें उन्हें दावा करते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क किया था जिन्होंने ऋषिकेश में रिसॉर्ट पर बुलडोजर कार्रवाई का आदेश दिया था। वहीं जब विधायक से संपर्क करने की कोशिश की गई तो बार-बार प्रयास के बावजूद विधायक ने कॉल का जवाब नहीं दिया।

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