ख़बर शेयर करें -

संपादक अजय अनेजा।

देहरादून-पिछले दिनों 17 लाख रुपये की धोखाधड़ी में अंकुर ढींगरा नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया था। यह युवक चीन मूल के कुछ युवकों के साथ मिलकर फर्जी लोन एप से लोन देने का झांसा देकर ठगी करता था। आरोप है कि ढींगरा और उसके चीनी साथियों ने देशभर के लोगों से 300 करोड़ रुपये ठगे हैं।

देहरादून साइबर पुलिस ने औरंगाबाद महाराष्ट्र पुलिस के साथ वहां पर एक कॉल सेंटर में छापा मारा। यहां से 150 लोगों को पकड़ा गया, जो जबरन लोन वसूली के लिए फोन कर रहे थे। कॉल सेंटर से 1500 सिम भी जब्त किए गए। सभी लोगों को पुलिस ने नोटिस जारी किए हैं। जबकि, कॉल सेंटर संचालक मौके से फरार हो गया। उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कराया गया है।

डीएसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि पिछले दिनों 17 लाख रुपये की धोखाधड़ी में अंकुर ढींगरा नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया था। यह युवक चीन मूल के कुछ युवकों के साथ मिलकर फर्जी लोन एप से लोन देने का झांसा देकर ठगी करता था। आरोप है कि ढींगरा और उसके चीनी साथियों ने देशभर के लोगों से 300 करोड़ रुपये ठगे हैं। उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि वह एक बार चीन के कुछ साथियों को औरंगाबाद महाराष्ट्र ले गया था। यहां पर एक कॉल सेंटर चलाया जाता है। इस कॉल सेंटर से लोगों से जबरन पैसे वसूलने के लिए फोन किए जाते हैं।

ढींगरा से पूछताछ के आधार पर औरंगाबाद पुलिस की मदद से इस कॉल सेंटर पर छापा मारा गया। यहां पर कुल 150 युवक और युवतियां देशभर में फोन कर रहे थे। वे लोगों को धमका रहे थे। कई तरह का डर दिखाकर उनसे पैसे की मांग की जा रही थी। सभी को औरंगाबाद पुलिस की मदद से पकड़ा गया और उन्हें नोटिस दिए गए।पता चला कि इस कॉल सेंटर का संचालक सैय्यद जोहेब निवासी औरंगाबाद नाम का युवक है जो कि फरार हो चुका है। उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कराया गया है। डीएसपी ने बताया कि कॉल सेंटर से कुल 1500 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। इसके अलावा सिम कार्ड मशीनों को भी जब्त किया गया है।77 नंबर की सीरीज के सिम से किया जा रहा था फोनवोडाफोन कंपनी के 77 नंबर की एक विशेष सीरीज से लोगों को कॉल की जा रही थी। जांच में पता चला कि एक साथ 32 सिम चार अक्तूबर 2022 को एक ही कंपनी यश इंटरप्राइजेज ने पोर्ट कराकर एक्टिवेट कराए थे। यहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी का मालिक सैय्यद जोहेब विभिन्न टीम लीडर्स के माध्यम से इनको काम देता था। इनको भारतपे और वोडाफोन के लाइसेंस प्राप्त हैं लेकिन इसकी आड़ में भारत के विभिन्न लोगों को कॉल करके पैसे वसूलने का काम भी दिया गया था।

Ad Ad Ad

You cannot copy content of this page