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एडीटर इन चीफ अजय अनेजा

छात्र का आरोप है कि शिक्षक उसे बेहोश होने तक मारता रहा। यहां तक की स्कूल प्रशासन और शिक्षक ने दूसरे बच्चों को धमकाया कि मारपीट की बात स्कूल से बाहर नहीं जानी चाहिए। पीड़ित छात्र के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

पिछले कुछ महीनों में राजस्थान में शिक्षकों की बेरहमी के कई मामले सामने आए हैं। एक बार फिर सरकारी स्कूल में छात्र की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। टोंक में शिक्षक ने एक छात्र को इतना पीटा की बच्चे की रीढ़ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई। पीड़ित छात्र को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

छात्र के पिता ने बनेठा थाने में शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। छात्र के पिता ने बताया कि 18 नवंबर को उनके 15 साल के बेटे को शिक्षक ने बुरी तरह से पीटा। इतना ही नहीं स्कूल प्रशासन और आरोपी शिक्षक ने अन्य बच्चों को धमकाया कि मारपीट की बात स्कूल से बाहर नहीं जानी चाहिए।

बेहोश होने तक पीटता रहा शिक्षकरिपोर्ट के अनुसार मनीष उर्फ मनेष सैनी पुत्र श्योपाल माली रोजाना की तरह राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय में पढ़ने गया था। लंच के समय मनीष अपने दोस्तों के साथ बात करते हुए खाना खाने के लिए निकला। इसी दौरान शिक्षक नरेंद्र जैन पुत्र सूरजमल जैन वहां आया और चिल्लान लगा कि मेरा आज दिमाग खराब है। उसके बाद शिक्षक मनीष को लात-घूंसों से पीटने लगा। आरोपी टीचर तब तक मारता रहा, जब तक बच्चा बेहोश नहीं हो गया। होश आने पर मनीष अन्य साथियों के सहयोग से घर पहुंचा और परिजनों को सारी बात बताई। शिक्षक सस्पेंडपरिजन मनीष को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने बताया कि मनीष की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगने से फ्रैक्चर हो गया। पिता ने पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है और आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले को लेकर शिक्षा अधिकारी ने कहा कि किसी बच्चे को इतना मारना कि वह अपाहित हो जाए, ये न्याय उचित नहीं है। शिक्षक को संस्पेंड कर दिया गया है

इससे पहले जालोर में शिक्षक की पिटाई से एक दलित छात्र की मौत हो गई थी। आरोप था कि मटका से पानी पीने को लेकर शिक्षक ने छात्र को थप्पड़ मारे, जिससे उसकी कान की नस फट गई और उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इस मामले को लेकर जमकर बवाल हुआ था। उसके बाद राजस्थान में शिक्षक के पिटाई के कई मामले सामने आए थे।

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