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देहरादून। निवेशक सम्मेलन के जरिए ढाई लाख करोड़ रुपये निवेश के लक्ष्य को हासिल करना एक बड़ा काम है। यह कठिन लक्ष्य टीम वर्क से ही प्राप्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक अच्छे लीडर हैं। वो जाने हैं कि एक साथ आना एक अच्छी ‘शुरुआत’ है, साथ रहना ‘प्रगति’ का द्योतक है और एक साथ काम करना ‘सफलता’ की गारंटी है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने अपनी पूरी कैबिनेट को ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ की तैयारियों में झोंक दिया है। देश के प्रमुख शहरों के साथ ही विदेश में आयोजित किए जा रहे रोड शो और सम्मेलनों में ‘टीम धामी’ एकजुट नजर आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली को देखकर लगाता है कि वह ‘वन मैन आर्मी’ के सिद्धांत पर विश्वास नहीं करते।

‘सामूहिकता’ की ताकत पर उन्हें पूरा भरोसा है। मौजूदा समय में धामी सरकार का फोकस दिसम्बर माह में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों पर है। निवेश का लक्ष्य काफी बड़ा है। मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं। धामी इस निवेशक सम्मेलन के ब्रांडिंग अभियान को खुद लीड कर रहे हैं। दिल्ली में हुए ‘कर्टन रेजर’ से लेकर देश और विदेश में आयोजित ‘रोड शो’ में मुख्यमंत्री शिरकत कर रहे हैं। खास बात है कि काबिल अधिकारियों के साथ ही उनके मंत्रिमण्डल के सभी चेहरे समिट के प्रचार में जुटे हुए हैं। धामी जब दुबई के उद्योगपतियों और कारोबारियों को न्योता देने गए तो उनके साथ कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत भी मौजूद थे।

धन सिंह किसी भी व्यक्ति को कन्वींस करने की क्षमता रखते हैं। धामी जानते हैं कि उनकी यह विशिष्टता निवेशकों को लुभाने में फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके बाद, मुख्यमंत्री जब चेन्नई गए तो रोड शो में उनके साथ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और सौरभ बहुगुणा दिखे। कारोबारियों के सम्मेलन में सौरभ बहुगुणा की स्पीच जबरदस्त रही। अपने जीवन में कई देशों का दौरा कर चुके सतपाल महाराज ने वहां निवेशकों को बताया कि उन्हें निवेश के लिए उत्तराखण्ड ही क्यों आना चाहिए। उन्होंने उत्तराखण्ड की विशिष्टताओं को सिलसिलेवार निवेशकों के सामने रखा। बैंगलौर में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और रेखा आर्य ने निवेशकों को उत्तराखण्ड सरकार की नीतियों से रूबरू करवाया। उन्होंने देवभूमि के शांत और सुरक्षित वातावरण, शानदार अवस्थापना विकास, स्थिर सरकार और सस्ती मैन पॉवर को जिक्र भी किया।

मुख्यमंत्री धामी सुबोध उनियाल और रेखा आर्य के साथ बंगलौर नहीं जा सके थे फिर भी दोनों मंत्रियों ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। आज धामी कैबिनेट सहयोगी प्रेमचन्द अग्रवाल के साथ अहमदाबाद के लिए रवाना हो रहे हैं। अहमदाबाद में भी रोड शो और नामीचीन उद्योगपतियों के साथ बैठकें होनी हैं। मुख्यमंत्री की यह रणनीति अच्छी लगती है कि उन्होंने अपने उन कैबिनेट मंत्रियों को समिट की ब्रैंडिंग के लिए आगे किया है जिनके विभागीय क्षेत्र में ज्यादा निवेश आने की उम्मीद है। जैसे पर्यटन, खेल, कृषि, पशुपालन, अवस्थापना विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य।

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