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बागेश्वर। सत्र न्यायाधीश पंकज तोमर ने पत्नी की हत्या में पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर तीन महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। पति अल्मोड़ा जेल में सजा काट रहा है। उसे गिरफ्तार कर दोबारा जेल भेज दिया है।

पोथिंग गांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित देवकीनंदन जोशी ने 2023 में बैजनाथ थाने में तहरीर सौंपी थी कि उनकी बेटी गीता का विवाह गणेश दत्त जोशी पुत्र स्व. भैरव दत्त जोशी ग्राम मन्यूड़ा गागरीगोल गरुड़ तहसील के साथ फरवरी 2009 को हुआ था। इसके बाद बेटी को दो बच्चे हुए। एक बेटी पावनी और एक बेटा आदित्य जोशी हैं। 20 जुलाई की रात पौने ग्यारह बजे बेटी के देवर राजेश जोशी का फोन उनके बेटे राकेश के पास आया।

उस वक्त बेटा नैनीताल में रह रहा था। उसने फोन पर बताया कि मेरे भाई गणेश दत्त जोशी ने अपनी पत्नी गीता जोशी को पेट में चाकू घोंपकर घायल कर दिया है। गांव वाले उसे अस्पताल ले गए हैं। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने गीता को मृत घोषित कर दिया। गणेश दत्त जोशी पहले भी कई बार गीता से मारपीट करता रहता था। घटना के वक्त मृतका गीता की बेटी पावनी और सास भी मौके पर थीं। पुलिस से कार्रवाई की मांग की। इसकी तहरीर बैजनाथ थाने में दी गई। थाना बैजनाथ पुलिस ने तहरीर के आधर पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। न्यायालय में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोविंद बल्लभ उपाध्याय, सहायक अधिवक्ता चंचल सिंह पपोला ने घटना एवं तथ्यों से संबंधित 19 गवाह पेश किए।

सत्र न्यायाधीश पंकज तोमर ने गवाहों को सुनने और पत्रावलियों का अध्ययन करने के बाद आरोपी पति गणेश दत्त जोशी को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अभियुक्त को सजा सुनाने के बाद अल्मोड़ा भेज भेज दिया है।

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