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देहरादून। एसटीएफ की साइबर क्राइम पुलिस टीम द्वारा ऑनलाईन पार्ट टाइम जॉब के नाम पर किये जा रहे राष्ट्रीय स्कैम के एक और गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के एक सक्रिय सदस्य को जिला दुर्ग, छत्तीसगढ से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने देहरादून निवासी एक महिला के साथ ऑनलाईन पार्ट टाइम जॉब के नाम पर की गई थी। इसके साथ 13 लाख से अधिक रूपये की धोखाधडी की गई थी।
पुलिस के मुताबिक नवादा, देहरादून निवासी एक महिला शिकायतकर्ता के साथ साईबर ठगी का एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड़, देहरादून को प्राप्त हुआ था। शिकायतकर्ता द्वारा 15 दिसंबर 2023 को इन्स्टाग्राम पर एड के माध्यम से टास्क पूरा करने के बदले आन लाईन जॉब का आफर की जानकारी हेतु क्लिक किया। गूगल में उक्त साईट का एक लिंक आया । आगे बढ़ने हेतु पुनः क्लिक करने पर शिकायतकर्ता के व्हाटस्अप नम्बर पर एक मैसेज आया। जिनमें उनके द्वारा आन लाईन जौब ऑफर करते हुए विभिन्न टास्क पूरे करने के बदले लाभ कमाने की बात करते हुए शिकायतकर्ता के व्हाट्सअप नम्बर पर एक लिंक भेजा गया तथा उक्त लिंक को खोलकर वीडियो को लाईक करके स्क्रीन शाट लेकर वापस भेजने की बात कही गयी व बताया गया कि आपको एक वीडियो को लाईक करने के 150 रुपये मिलेगें। इसके लिये शिकायतकर्ता द्वारा उन्हें अपने पति का बैंक खाता दे दिया गया। इस पर शिकायतकर्ता द्वारा पहले साइबर फ्रॉड्स द्वारा 03 लिंक के माध्यम से भेजे गये वीडियो को लाईक कर स्क्रीन शॉट भेजने के बदले उक्त खाते में 150 रुपये के हिसाब से 450 रुपये पहला अमाउन्ट प्राप्त किया गया।

इसके बाद उनके द्वारा शिकायतकर्ता को व्हाट्सअप पर टेलीग्राम का लिंक दिया गया । टेलीग्राम में एक महिला जिसने अपना नाम प्रियंका अरोड़ा तथा स्वंय को बाईनेंस कम्पनी की रिसेपनिष्ट बताया से बात हुई । जिसके द्वारा शिकायतकर्ता को चैटिंग के माध्यम से दिशानिर्देश देते हुए टास्क दिये गये व लिंक भेजे गये शिकायतकर्ता द्वारा लिंक खोलने के बाद उनके द्वारा बनाये गये टेलीग्राम ग्रुप (नार्मल,सुपर ,एक्सीलेन्ट ग्रुप ) में विभिन्न टास्क पूरे कर लगभग 5000/-रूपये का लाभ प्राप्त किया गया। इस पर साइबर फ्रॉडस द्वारा शिकायतकर्ता को पूर्णतः विश्वास में ले लिया गया तथा शिकायतकर्ता के फोन पर एक लिंक भेजकर फोन-पे डाउनलोड कराया और शिकायतकर्ता के बैंक खाते से सम्बन्धित जानकारी भी प्राप्त कर ली गयी। इसके बाद शिकायतकर्ता को शक होने पर उसके द्वारा अपना बैंक बैलेंस चैक किया व बैंक में जाकर पता किया तो शिकायतकर्ता के बैंक खाते से 13 लाख 67 हजार रूपये निकाले जा चुके थे। इसके पश्चात शिकायतकर्ता द्वारा टेलीग्राम के माध्यम से कथित प्रियंका अरोड़ा जिसके द्वारा अपनी कम्पनी का पता BINANCE USDT(INDIA)52 MAX MUELLER MARG LODHI ESTATE NEW DELHI 110003 INDIA बताया गया था से सम्पर्क करने की कोशिश की गयी तो इनके द्वारा सभी रुपये एक दिन में वापस खाते में डाल देने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद उक्त सारे टेलीग्राम ग्रुप व चैट उनके द्वारा दिनांक माह दिसम्बर-2023 में ही डिलीट कर दी गयी ।

इस प्रकार अज्ञात साईबर फ्रॉड्स द्वारा शिकायतकर्ता को ऑनलाईन पार्टटाइम जॉब के नाम पर विश्वास में लेकर तथा उक्त BINANCE नामक फर्जी कम्पनी के कर्मचारी बनकर शिकायतकर्ता के साथ 13 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया। इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून पर मु0अ0सं0-38/2023 धारा-420 भादवि व 66-डी आईटी एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजिकृत होकर विवेचना साईबर थाने में नियुक्त निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल के सुपुर्द हुई।

अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, तथा अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी। प्रकाश में आये संदिग्ध मोबाईल नम्बर व खातों की जानकारी से अभियुक्तगणों का राज्य उत्तराखण्ड से लगभग 1600 किलोमीटर काफी दूरस्थ छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश राज्यों से सम्बन्ध होना पाया गया जिसमें साइबर थाने की पुलिस टीम को सम्बन्धित स्थानों को रवाना किया गया।

पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी विश्लेषण कर साक्ष्य एकत्रित करते हुए उक्त अभियोग में प्रकाश में आये एक अभियुक्त राजू बाघ पुत्र मलखाम बाघ निवासी वार्ड नं0-16, पदम नगर, निकट श्री राम सिटी, चरोदा, भिलाई, थाना भिलाई, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ उम्र-39 वर्ष को जिला दुर्ग, छत्तीसगढ से गिरफ्तार किया गया। विवेचना से यह भी प्रकाश में आया कि उक्त अभियुक्त राजू बाघ द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर संगठित रुप से देश के विभिन्न राज्यों को लोगों के साथ धोखाधडी की जा रही है, जिसके द्वारा प्रयोग किये जा रहे ICICI बैंक के खाता संख्या-741805500124 R.K. COLORS के विरुद्ध देश के अलग-अलग विभिन्न राज्यों में कई शिकायतें दर्ज होना पाया गया है। अन्य सह अभियुक्तों की तलाश जारी है।
अभियुक्त द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आदि के माध्यम से ऑनलाईन पार्ट टाईम जॉब हेतु गूगल पर फर्जी लुभावने विज्ञापन व लिंक डाले जाते हैं, जिस पर इनके झांसे में आये पीडितों द्वारा लिंक पर क्लिक करते ही इन साइबर अपराधियों के द्वारा सक्रिय होकर तुरन्त सम्बन्धित से व्हाटसएप मैसेज आदि के माध्यम से सम्पर्क किया जाता है एवं उन्हें विश्वास में लेकर टेलीग्राम ग्रुप आदि से जोडकर व पार्ट टाईम जॉब के नाम पर लुभाव देकर लिंक के माध्यम से वीडियो आदि लाईक करने के टास्क देकर लाभ हेतु उनसे बैंक खाता आदि की जानकारी प्राप्त कर उनके खाते में शुरूआत में कुछ लाभ दिया जाता है जिससे सम्बन्धित पीडित लोग पूर्णतः इनके झांसे में आ जाते हैं और इस प्रकार साइबर फ्रॉडस इन्हें विश्वास में लेकर फोन-पे आदि एप डाउनलोड कराकर इनके बैंक खातों की अन्य गोपनीय जानकारी प्राप्त कर पीडितों द्वारा बैंक खातों में जमा की गई गाढी कमाई की धनराशि हडपने में सफल हो जाते हैं।
इस क्रम में अभियुक्तों द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैंक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते हैं तथा अभियुक्तगण द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम आईडी कार्ड का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है ।
राजू बाघ पुत्र मलखाम बाघ निवासी वार्ड नं0-16, पदम नगर, निकट श्री राम सिटी, चरोदा, भिलाई, थाना भिलाई, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ उम्र-39 वर्ष है। इसके पास से
एक मोबाइल फोन OPPO कम्पनी
दो सिम मोबाईल नम्बर 8319555205 व 7415277192
04 चैक बुक, 04 एटीएम कार्ड, 01 क्रेडिट कार्ड, आर0सी0, ड्राईविंग लाईसेन्स, पैन कार्ड व आधार कार्ड की प्रतियां बरामद हुई। पुलिस टीम में निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल ( विवेचक), उपनिरीक्षक आशीष गुसाँई, अपर उपनिरीक्षक मुकेश चन्द्र, कांस्टेबल नितिन रमोला शामिल थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन टिकट को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें ।वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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