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हल्द्वानी: जिले के कई बच्चों का चयन सैनिक स्कूल में होता है। भारत के सैनिक स्कूलों में छात्रों को सैन्य सेवा के लिए तैयार किया जाता है। गौलापार स्थित वेंडी स्कूल के छात्र चिरंजीव बर्गली का नालंदा सैनिक स्कूल में चयन हुआ है। चिरंजीव बर्गली नर्सरी कक्षा से वेंडी स्कूल के छात्र रहे। चिरंजीव बर्गली एक मेधावी छात्र हैं। उनके पिता का नाम टीकम सिंह बर्गली और मां का नाम हेमा बर्गली है। चिरंजीव के चयन पर परिवार में खुशी का माहौल है।

इसके अलावा वेंडी स्कूल प्रबंधक डॉ. विकल बवाड़ी ने शुभकामनाएं दी व बताया कि ये विद्यालय के लिए बड़ी गर्व की बात है। विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. भावना बवाड़ी ने चिरंजीव बर्गली को शुभकामनाएं देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की उन्होंने बताया की पूर्व में भी विद्यालय के बच्चों का चयन सैनिक स्कूल में हुआ है। विद्यालय के एच ओ डी वीरेन्द्र रावत, कोर्डिनेटर मंजु थापा व समस्त स्टाफ ने इस उपलब्धि के लिए चिरंजीव बर्गली को शुभकामनाए दी।

बता दें कि सैनिक स्कूल मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के अंतर्गत सैनिक सोसाइटी द्वारा चलाया जाता है। सैनिक स्कूल 1961 में वीके कृष्ण मेनन ने सैनिक स्कूल शुरू किया, जो कि उस समय भारत के रक्षा मंत्री थे। इसको निर्माण करने का मकसद था , बच्चों को एनडीए में अकादमिक , शारीरिक और मानसिक रूप के लिए तैयार करना । इस समय भारत में कुल 33 सैनिक स्कूल हैं , जिसमें विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाता है ” ।

पहले तक सैनिक स्कूलों में केवल पुरुष विद्यार्थी की दाखिल हो सकते थे लेकिन अब लकड़ियों को भी सैनिक स्कूलों में प्रवेश मिल सकता है। इन सभी सैनिक स्कूलों के छात्रों को इस तरह से तैयार किया जाता है, की वह आगे चलकर देश भर के डिफेंस सर्विस में बेहतरीन अफसर के तौर पर सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार नेशनल डिफेंस कैडेट्स में से 25% कैडेट्स इन्हीं देश भर के सैनिक स्कूलों के होते है।

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