हल्द्वानी– कहते हैं प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं होती वह अपनी जगह बना कर रहती है, कुछ ऐसा ही नजरिया लेकर आगे बढे उत्तराखंड के नैनीताल जिले के लालकुआं तहसील के बिंदुखत्ता गांव में रहने वाले युवा फोटोग्रफर हरेंद्र रावत ने जिनकी खुद डायरेक्शन की गई 8 मिनट की एक शॉर्ट फिल्म इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए चुनी गई है। 22 सितंबर से 24 सितंबर के बीच देहरादून में आयोजित आठ हुए इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल में यह शॉर्ट फिल्म दिखाई जाएगी।
हरेंद्र रावत बिंदुखत्ता के गांधीनगर खलियान क्षेत्र के रहने वाले हैं, बचपन से ही फोटोग्राफी का शौक रखने वाले हरेंद्र पहाड़ों में घूमते हुए अक्सर अपनी नायाब सोच से सिनेमाग्राफी और फोटोग्राफी का सुंदर चित्रण करते हैं। इससे पूर्व उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा फोटोग्राफी कंपटीशन में वह प्रथम पुरस्कार जीत चुके हैं। हरेंद्र रावत ने बताया कि उनकी 8 मिनट की शॉर्ट फिल्म “युगल बूढ़ी” इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए चुनी गई है जो की 22 सितंबर को देहरादून में दिखाई जाएगी।
हरेंद्र ने बताया कि उत्तराखंड के पलायन के कारण गांव घर खाली हो गए हैं यह हाल एक गांव का नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड का है, इसलिए उन्होंने एक शॉर्ट फिल्म के जरिए एक अकेले बूढ़े इंसान जो सारा काम स्वयं करता है, उसके जीवन पर आधारित है इस शॉर्ट फिल्म की शूटिंग चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के हरनी गांव में की गई है जिसका निर्देशन और कैमरा दोनों ही हरेंद्र रावत ने किया है यह 8 मिनट की साइलेंट फिल्म है जिसमें कोई डायलॉग नहीं, लेकिन यह अपने दृश्य से ही बहुत कुछ कहती है।
वही बिंदुखत्ता गांव की ही शास्त्री नगर की रहने वाली ममता खत्री कुँवर की भी डॉक्युमेंट्री इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए चुनी गई है गांव में गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान करने वाली ममता सामाजिक कामों में हमेशा आगे रहती है ग्रामीण इलाके में कंप्यूटर शिक्षा को घर-घर पहुंचने के उद्देश्य से कंप्यूटर सेंटर चलाने के साथ ही सिलाई बुनाई सेंटर भी चलाती है। पति देश सेवा में है तो वह भी अपने टैलेंट को निखारते हुए इस फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बनी है। ग्रामीण इलाकों में इस तरह के अलग टैलेंट को बड़े महानगरों में सिलेक्शन होना ही अपने आप में किसी प्रोत्साहन से कम नहीं है लिहाजा खबर पहाड़ की तरफ से हरेंद्र रावत और ममता खत्री को अग्रिम शुभकामनाएं आगामी 20 से 24 सितंबर तक देहरादून में लगने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में उम्मीद है कि ग्रामीण इलाके से निकले यह टैलेंट के सितारे चमकेंगे।