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ऋषिकेश। तपोवन स्थित डेक्कन वैली अपार्टमेंट में रात दो शूटरों ने कैफे संचालक नितिन देव की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक कैफे संचालक नोएडा यूपी के सेक्टर-61 पार्क ब्यू अपार्टमेंट का निवासी था और ऋषिकेश स्थित गंगा विहार में कैफे चलाता था। अपार्टमेंट में घुसते ही बदमाशों ने संचालक के सिर और सीने में चार गोलियां मारीं। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश स्कूटी पर सवार होकर भाग गए। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की पांच टीमें गठित की गई हैं।

डेक्कन वैली अपार्टमेंट में घटनास्थल का जायजा लेने के लिए सीओ डीएस भंडारी पहुंचे। उन्होंने मौका-एक-वारदात का मुआयना कर थानाध्यक्ष प्रदीप चौहान से हत्याकांड के बारे में जानकारी ली। अपार्टमेंट के लोगों से भी पूछताछ की। 40 वर्षीय नितिन देव जैसे ही अपार्टमेंट में घुसे, वैसे ही अपार्टमेंट में पहले से मौजूद दो बदमाशों ने कैफे संचालक पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। सिर और सीने में चार गोलियां लगने से कैफे संचालक की मौके पर ही मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा गया है। पांच टीमों को हत्या की इस वारदात के खुलासे के लिए लगाया गया है। घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। अभी तक हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। जल्द ही हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा। बताया कि नितिन देव अपार्टमेंट के फ्लैट में अकेले ही रहते थे। उनका परिवार नोएडा में ही रहता है। वहीं देर रात हुई हत्या की इस वारदात से लोग सकते में हैं। लोगों का कहना था कि पुलिस आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करे।
तपोवन में गोलियां चलाकर कैफे संचालक की हत्या का अंजाम देने के बाद आखिर दोनों शूटर कैसे फरार हो गए। यह सवाल स्थानीय लोगों की जुबान पर है। उनकी मानें, तो तपोवन पर्यटकों का मुख्य केंद्र है। यहां सुबह से लेकर देर रात तक भीड़भाड़ की स्थिति बनी रहती है। इसमें स्कूटी पर सवार एक शूटर हेलमेट, तो दूसरा टोपी पहने हुए आसानी से फरार होने में कामयाब रहा। जबकि इसी बीच मुनिकीरेती पुलिस का थाना भी है।
डेक्कन वैली आपर्टमेंट में जो फ्लैट शूटरों ने किराये पर लिया था, उसका एक महीने का किराया ही 33 हजार रुपये था। कर्मचारियों की मानें तो दो माह के लिए 66 हजार रुपये में फ्लैट किराये पर लिया गया था। सब मीटर के माध्यम से महज 15 दिन बिजली का बिल ही चार हजार रुपये आया था। कर्मचारियों की मानें तो आरोपी नितिन कम ही फ्लैट से बाहर निकलता था। दिनभर वह फ्लैट में एसी चलाकर आराम फरमाता था।

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