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देहरादून। उत्तरकाशी के सिलक्यारा में हुए सुरंग हादसे में रेस्क्यू के नौवे दिन बड़ी कामयाबी मिली है। लाइफ सपोर्ट के लिए डाला जा रहा 6 इंची पाईप मलबे के पार हो गया है। इससे सुरंग में फंसे श्रमिकों को अधिक मात्रा में खाद्य सामग्री,दवाएं, पानी आदि पहुंचाया जा सकेगा।
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्कयारा के पास निर्माणाधीन सुरंग में मलबा भर गया था। दिवाली वाले रोज हुई इस वारदात में सुरंग में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए।
सिलक्यारा सुरंग में छह इंच का एक अतरिक्त पाइप आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रिल किया जा रहा था। सोमवार को वह अब आर-पार हो गया है। इसकी कुल लंबाई 57 मीटर है। इस पाइप से मजदूरों को खाद्य सामग्री भेजी जाएगी। पहले लगाया गया पाइप छोटा होने की वजह से उन्हें केवल ड्राईफ्रूट आदि ही भेजे जा रहे थे। अब उन्हें अन्य खाने की वस्तुएं भी भेजी जा सकेंगी।
सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग का काम दोबारा शुरू हो गया है। पांचवें पाइप को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस तरह 30 मीटर तक ड्रिल हो जाएगी। टनल के ऊपर सड़क बनाने का काम जारी है। सुरंग के ऊपर ड्रिलिंग के लिए 1200 मीटर अस्थायी सड़क बनाई जानी है। रविवार शाम तक 900 मीटर सड़क बना ली गई थी।
एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष ने कहा कि डीआरडीओ ने 20 किलो और 50 किलो वजन वाले दो रोबोट भेजे हैं। सुरंग के ऊपर ड्रिलिंग के लिए जगह चुन ली गई है। 1.2 मीटर डायमीटर की ड्रिल होगी। जिसका सेटअप अगले 24 घंटे में होने की संभावना है। अब दो से तीन दिन में ड्रिल पूरी हो सकेगी।
अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी आज सिलक्यारा पहुंच गए। निरीक्षण करने के बाद उन्होंने कहा कि अब फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिश में जुटे हैं। कहा कि उनके साथ हिमालय भूविज्ञान के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं। हमने यहां सुरंग के ऊपर जो देखा है। इस सबके चलते कोशिश रहेगी कि 41 लोगों को बचाते वक्त किसी को भी चोट नहीं पहुंचे। फिलहाल, सब सकारात्मक दिख रहा है। हम सभी एक टीम हैं।

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