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देहरादून। देहरादून के सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र के कैंप रोड स्थित एक दवा कंपनी में फूड लाइसेंस पर मल्टीविटामिन बनाए जा रहे थे। सूचना पर ड्रग कंट्रोल विभाग और एफडी (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) विजिलेंस की टीम ने फैक्टरी में छापामारी की। टीम ने फैक्टरी से मल्टीविटामिन दवाओं के सैंपल लिए। वहीं फैक्टरी को सील कर दिया है। सैंपल की जांच में मल्टीविटामिन में दवाओं के सॉल्ट पाए जाते हैं तो कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी को सेलाकुई के कैंप रोड स्थित डॉटर फार्मास्युटिकल कंपनी में बिना लाइसेंस के दवाओं के निर्माण की सूचना मिली थी। औषधि नियंत्रक के निर्देश पर बृहस्पतिवार को ड्रग इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह राणा और एफडीए विजिलेंस ने संयुक्त रूप से कंपनी की फैक्टरी में छापा मारा। मौके पर टीम को मल्टीविटामिन के कैप्सूल और टेबलेट मिले। फैक्टरी मालिक मौके पर मौजूद नहीं थे।

टीम ने फैक्टरी कर्मियों से औषधि निर्माण का लाइसेंस दिखाने के लिए कहा। कर्मचारियों ने टीम को फूड लाइसेंस दिखाया। कर्मचारियों ने कहा कि मल्टीविटामिन में फूड प्रोडक्ट का प्रयोग ही किया जा रहा है। टीम ने कर्मचारियों से स्टॉक और दवा बिक्री के बिल मांगे। कर्मचारियों ने बताया कि हाल में फैक्टरी में उत्पादन शुरू हुआ है। बताया कि अभी फैक्टरी में बनाए गए उत्पाद की बिक्री नहीं की गई है।

ड्रग इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि मल्टी विटामिन में मौजूद घटकों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद जांच की जाएगी कि मल्टीविटामिन में मानकों के अनुसार फूड प्रोडक्ट का प्रयोग किया गया है या उनमें दवाओं के सॉल्ट भी मौजूद हैं।

उन्होंने बताया कि कंपनी के मालिक का नाम रमन तनेजा है। वह सहारनपुर के रहने वाले हैं। करीब एक माह पहले फैक्टरी में उत्पादन शुरू हुआ था। उन्होंने बताया कि कंपनी को फिलहाल सील कर दिया गया है।

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