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काशीपुर। फाइनेंस कंपनी के जोनल हेड ने वरिष्ठ शाखा प्रबंधक पर 70.54 लाख रुपये गबन का आरोप लगाया है। उन्होंने कंपनी के चार अन्य कर्मियों पर भी गबन में शामिल होने की आशंक जताई। एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने वरिष्ठ शाखा प्रबंधक समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

यूपी के गांव नरायना हरगढ़ जिला मिर्जापुर निवासी अनिल कुमार सिंह पुत्र हरी प्रताप सिंह ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया। बताया कि वह सोनाटा फाइनेंस प्राइवेट लिमेटेड के जोनल कार्यालय मुरादाबाद में जोनल हेड है। इसकी एक शाखा का संचालन काशीपुर से होता है, जिसका कार्यालय आवास विकास में है। इसी कार्यालय में विशाल गुप्ता पुत्र रमेश चंद्र गुप्ता निवासी डिफेंस कैंप कॉलोनी थाना कैंट बरेली बतौर वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, अंकित कुमार पुत्र सुरेश सिंह निवासी 241 शेरवासू चंद, निवासी अफजलगढ़ बिजनौर बतौर फील्ड ऑफिसर, लकी कुमार पुत्र महेश सिंह निवासी मन्धया मीरपुर सेमली मुरादाबाद बतौर फील्ड ऑफिसर, रमा वर्मा पुत्री अनिल वर्मा निवासी मोहल्ला सिंघान और प्रभात कुमार यादव पुत्र अजय पाल सिंह निवासी सहबाजपुर संभल बतौर वर्तमान शाखा प्रबंधक तैनात है।

आरोपियों ने स्थानीय बिचौलियों की मिली भगत से कूट रचित दस्तावेज बनाये। जिसके बाद बैंक खाते में छेड़छाड़ कर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 171 महिला सदस्यों को करीब 78.87 लाख रुपये का ऋण बांटा। साजिश के तहत 8.29 लाख रुपये किस्तों में जमा किए। बाकी 70.54 लाख रुपये का गबन किया गया। पुलिस को दी शिकायत में बताया कि मामले में वरिष्ठ शाखा प्रबन्धक विशाल को पूर्ण रूप से दोषी पाया गया है। जबकि बाकी कर्मियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। एसएसआई अनिल जोशी ने बताया कि तहरीर के आधार पर कोतवाली पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 316(2) और 318(3) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
गबन की गंभीरता को देखते हुए कंपनी ने विभागीय जांच भी कराई जा चुकी है। स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट में भी विशाल गुप्ता को दोषी पाया गया है।
सोनाटा, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक वित्त पोषित नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है। कंपनी गरीब महिलाओं का समूह बनाकर स्वरोजगार के उद्देश्य से व्यक्तिगत ऋण दिया जाता है।

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