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अल्मोड़ा। अंडर वर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी अब प्रकाशानंद गिरी के नाम से जाने जाएंगे। जूना अखाड़ा की तरफ से अल्मोड़ा पहुंचे अखाड़ा के थानापतियों ने शिक्षक दिवस पर उन्हें जिला कारागार में दीक्षा दी गई। दीक्षा देने के साथ ही उन्हें जूना अखाड़े के कई मठों (आश्रमों) का उत्तराधिकारी भी घोषित किया गया है।

गुरुवार को अल्मोड़ा में पत्रकार वार्ता के दौरान श्रीपंचदसनांग जूना अखाड़ा के थानापति राजेंद्र गिरी ने बताया कि प्रकाशानंद गिरी ऊर्फ प्रकाश पांडे पीपी को जिला कारागार में दीक्षा दी गई। उन्होंने बताया कि पीपी की तरफ से धार्मिक क्षेत्र में जाने की इच्छा जताई गई थी। जिसके बाद उन्हें अब दीक्षा दी गई है।
उन्होंने बताया कि प्रकाशानंद गिरी उर्फ पीपी को अंसेश्वर मठ, मुनस्यारी में माता का मठ, गंगोलीहाट में लमकेश्वर, यमनोत्री में भैरव और भद्रकाली मंदिर का उत्तराधिकारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि उनके आग्रह पर ही उन्हें दीक्षा दी गई है। जिससे की धर्म का प्रचार प्रसार हो सके।

थानापति राजेंद्र गिरी ने बताया कि 11 लोग जिला कारागार पहुंचे थे। लेकिन जेल के अंदर तीन लोगों को ही अनुमति मिली। जिसके बाद तीन लोगों ने ही उन्हें दीक्षा दी। उन्होंने बताया कि अनुष्ठान की अनुमति नहीं मिलने पर उन्हें वस्त्र आदि देकर दीक्षा दी गई।

कहा कि अब प्रयाग राज में लगने वाले कुंभ मेले में अग्रिम प्रतिक्रियाएं की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि सिर पर हाथ रख उन्हें जूना अखाड़ा में शामिल किया गया है। यहां महंत सुरेंद्र पुरी, महंत दीन दयाल गिरी, पुजारी दशानंद सरस्वती, हिंदूवादी नेता पंडित कृष्णा कांडपाल आदि मौजूद रहे।

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