ख़बर शेयर करें -

देहरादून। सिविल कोर्ट में फर्जी शपथ पत्र लगाए जाने के आरोप में देहरादून के आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा समेत छह आरोपियों के खिलाफ रायपुर थाना पुलिस ने मंगलवार को मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों में डीआरडीओ, एसबीआई और यूपीसीएल के अफसर के साथ ही एक वकील भी शामिल हैं। वकील को छोड़कर अन्य आरोपी आवासीय सोसायटी के पदाधिकारी हैं और सोसायटी में बोरिंग किए जाने का विरोध कर रहे थे। यह मामला कोर्ट में गया और आरोपियों ने वहां शपथपत्र पेश किया था।

एसओ रायपुर कुंदन राम ने बताया कि पुनीत अग्रवाल निवासी एटीएस कॉलोनी, सहस्रधारा रोड ने एसएसपी कार्यालय में तहरीर दी। तहरीर के अनुसार, पुनीत अग्रवाल का एटीएस हेवन्ली फुटहिल्स में एक प्लॉट है। इस प्लॉट में वह पिछले साल बोरिंग कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जल संस्थान से भी अनुमति ली थी। लेकिन सोसाइटी के पदाधिकारियों में आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा समेत अन्य ने निर्माण का विरोध किया। विरोध का यह मामला सिविल कोर्ट में चला गया। सिविल कोर्ट ने इसमें स्टे दिया और पुनीत अग्रवाल को बोरिंग के लिए इजाजत दे दी। मुकदमे में अगली तारीखें लगीं। इसके बाद विरोध करने वाले छह लोगों ने स्वयं उपस्थित न होने के लिए एक अधिवक्ता आशीष नाथ को पैरवी के लिए नियुक्त किया। इसके लिए इन सभी ने आशीष नाथ के पक्ष में पावर ऑफ अटॉर्नी (शपथपत्र) कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया।

ये शपथपत्र नोटरी अधिवक्ता राजेंद्र सिंह नेगी के जरिये सत्यापित करना दर्शाया गया। इसके बाद पुनीत अग्रवाल ने अधिवक्ता राजेंद्र सिंह नेगी को एक कानूनी नोटिस भेजकर इन शपथपत्र की सच्चाई जानी। गत छह मार्च को आए जवाब में पता चला कि नोटरी अधिवक्ता नेगी ने ऐसे कोई शपथपत्र सत्यापित नहीं किए हैं। इन सभी की ओर से प्रस्तुत किए गए ये शपथपत्र फर्जी पाए गए।

You cannot copy content of this page