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उत्तरकाशी। छह माह के सूखे के बाद बीते चार दिन से रवांई घाटी के उपरी इलाकों में बर्फबारी एवं बारिश से क्षेत्र के बागवानों में सेब की अच्छी पैदावार की आस जगी है। इस बारिश से सूखे से चौपट होने की कगार पर पहुंची मटर की फसल को भी संजीवनी मिली है। रवांई क्षेत्र के आराकोट, मोरी, नैटवाड़, नौगांव तथा पुरोला विकासखण्ड के सेब व मटर उत्पादक एवं बागवान-किसान विगत छह महीनों के सूखे की मार से परेशान थे। इसके चलते मटर की फसल को भारी नुकसान भी पहुंचा। वहीं सूखे के कारण सेब उत्पादकों को भी समय पर थाले न बनने, दवाइयों का छिड़काव, पेड़ों की कटिंग न होने, सूखे से बीमारियां लगने, पेड़ों के सूखने से चिंता घर कर गई थी।

किंतु बीते 3-4 दिनों से रवांई घाटी के उपरी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी व बारिश से सेब बागवानों और मटर उत्पादकों के चेहरे खुशी से लबरेज हो गए। मटर उत्पादक किसान मनोज रतूड़ी, मनमोहन, सुरेंद्र चौहान, कविंद्र असवाल व स्यालिक राम नौटियाल, सोवेंद्र रावत, धनवीर रावत आदि किसानों का कहना है कि 6 माह सूखे से मटर खेती को भारी नुकसान हुआ है किंतु अब हुई बारिश से मटर पैदावार में आंशिक सुधार की उम्मीद जगी है।

सेब बागवान कपिल रतूड़ी, जसवीर डोटियाल, प्रमोद कुमार, स्यामलाल, वीरेंद्र सिंह आदि बागवानों का कहना है कि सीजन की पहली बर्फबारी से कई महीनों के सूखे से सेब बगीचों में नमी फिर लौटी है।

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