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देहरादून। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान मिली जिम्मेदारी पर खरा उतरकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा हाईकमान के भरोसे को बखूबी कायम रखा। पार्टी हाईकमान ने धामी को राजस्थान और एमपी के विधानसभा चुनावों में जिन-जिन क्षेत्रों में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी थी, उन सभी में ‘कमल’ खिला। चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री धामी ऐसे धाकड़ बैट्समैन साबित हुए हैं, जिनका स्ट्राइक रेट 100 फीसदी रहा।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन में भाजपा को बड़ी जीत मिली है। एमपी में भाजपा जहां एक बार फिर मजबूत होकर उभरी है वहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में उसने कांग्रेस से सत्ता छीनी है। पार्टी के अनुसार, इन सभी चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फैक्टर प्रमुख कारण रहा। साथ ही उनके सिपहसालारों का प्रदर्शन भी तारीफ के काबिल रहा है। पार्टी ने देश के अन्य बड़े नेताओं के साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी को राजस्थान व एमपी में नौ विधानसभा सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी थी। इन सीटों पर धामी ने लगातार प्रचार किया था। उन्होंने एक दिन में तीन-तीन जनसभाएं कीं। इन सभी सीटों पर भाजपा को जीत मिली।

राजस्थान में धामी की प्रचार वाली छह सीटों में सांगानेर से भजनलाल शर्मा, झोटवाड़ा सीट से राज्यवर्धन राठौर, विराटनगर से कुलदीप, सांगोद से हीरालाल नागर, रामगंज मंडी से मदन दिलावर व डग सीट से कालूराम विजयी रहे। एमपी की तीन विधानसभा सीटों, इंदौर-टू से रमेश मैंदोला, खुरई से भूपेंद्र सिंह और सागर सीट से शैलेंद्र जैन जीते। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा, सीएम के रूप में धामी अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। करीब ढाई साल के अपने कार्यकाल में उन्होंने जनहित में नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून जैसे कई साहसिक-ऐतिहासिक फैसले लिए। इसके अलावा जमीन जेहाद के खिलाफ चलाया गया उनका बुलडोजर अभियान देशभर में चर्चा का विषय बना। प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर उनके द्वारा की गई ठोस पहल को भी समूचे देश में सराहा गया है।

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