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देहरादून। केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना में फर्जी कर्मचारी दिखाकर 2.87 करोड़ रुपये का पीएफ फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। ईपीएफओ की ओर से कंपनी के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि 933 लोगों को फर्जी कर्मचारी बताकर उनके पीएफ खाते में सरकार से रकम ली गई।

केंद्र सरकार की ओर से कोरोना महामारी के चलते 2021 में लोगों को रोजगार देने के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना शुरू की गई थी। इसमें नए कर्मचारियों का दो साल तक का भविष्य निधि (पीएफ) अंशदान केंद्र सरकार की ओर से वहन किया गया। बसंत विहार थानाध्यक्ष महादेव उनियाल ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से तहरीर दी गई। आरोप है कि सनराइज सिक्योरिटी एंड प्लेसमेंट सर्विसेज कंपनी के मालिक विकास कुमार निवासी नेहरू कॉलोनी देहरादून द्वारा ऐसे 933 लोगों के आधार कार्ड और बैंक खातों का उपयोग किया, जो वास्तव में संस्थान के कर्मचारी थे ही नहीं।

इन्हें कर्मचारी दर्शाकर केंद्र सरकार से दो साल तक पीएफ अनुदान लिया गया। इन फर्जी कर्मचारियों के पीएफ खातों में सरकार से 2.87 करोड़ रुपये जमा हुए। इसमें से पीएफ एडवांस के क्लेम लगाकर इन फर्जी कर्मचारियों के बैंक खातों में 31 लाख 90 हजार रुपये की रकम डलवा ली गई। बाकी रकम पीएफ खातों से बैंक खातों में क्लेम के जरिये ट्रांसफर हो पाती, इस बीच फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। विभिन्न लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर हो चुके 31.90 लाख में से ईपीएफओ ने 16 लाख एक हजार की रकम रिकवर कर ली है, लेकिन 15 लाख 89 हजार रुपये वसूल किए जाने बाकी हैं।

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