

देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ साइबर क्राइम पुलिस टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। फर्जी डॉक्टर और कस्टम अफसर बनकर 50 लाख रुपए की ठगी करने वाले शातिर हिमांशु शिवहरे को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया है।
पीड़ित को झांसे में लेने के लिए फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल एवं अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल किया गया। “फर्जी मित्र”, “जाली कस्टम अधिकारी” व “झूठा बैंक अफसर” बनकर विभिन्न बहानों से कुल लगभग 50 लाख 01 हज़ार 218 रुपये की ठगी की गई।अभियुक्त ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक, व्हाट्सएप) और एसएमएस/कॉल का इस्तेमाल कर खुद को विदेशी डॉक्टर, कस्टम अधिकारी एवं बैंक अधिकारी बताकर सुनियोजित साइबर अपराध अंजाम दिया। अभियुक्त के बैंक खातों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, नवनीत सिंह ने जानकारी दी कि एक प्रकरण देहरादून निवासी द्वारा दिसम्बर 2024 को साइबर थाना देहरादून में दर्ज कराया गया था।पीड़ित को फेसबुक पर “Dr. Loveth Gibson” नामक फर्जी प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई। उसके बाद व्हाट्सएप चैट, कॉल और SMS संदेशों के माध्यम से लगातार संपर्क किया गया। एक अज्ञात महिला ने भारत आने का झूठा बहाना बनाया और फिर “ जाली कस्टम अधिकारी सरवन खान” तथा “झूठा बैंक अफसर डेविड जॉनसन” ने विभिन्न कारणों — कस्टम क्लियरेंस, बैगेज चार्ज, घरेलू उड़ान टिकट, RBI नियम व विदेशी मुद्रा शुल्क — का हवाला देकर पीड़ित से बड़ी धनराशि की मांग की।पीड़ित को व्हाट्सएप पर QR कोड, फर्जी फ्लाइट टिकट, नकली पासपोर्ट तथा बैंक संदेश भेजे गए और भावनात्मक दबाव बनाकर लगातार पैसे ट्रांसफर करवाए गए। नवम्बर से दिसम्बर 2024 के बीच पीड़ित ने अलग-अलग बैंक खातों में कुल लगभग *50 लाख एक एक हजार 228 रुपए जमा किए।बाद में जब पीड़ित ने संदेह होने पर धनराशि वापस लेने का प्रयास किया, तो अंतरराष्ट्रीय नियमों और टैक्स का बहाना बनाकर रकम लौटाने से इंकार कर दिया गया। इस प्रकार, अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर, फर्जी पहचान और तकनीकी साधनों का प्रयोग कर सुनियोजित तरीके से साइबर ठगी को अंजाम दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, सहायक पुलिस अधीक्षक कुश मिश्रा व पुलिस उपाधीक्षक, अंकुश मिश्रा एवं विवेचना विकास भारद्वाज निरीक्षक, साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से प्रकाश मे आये अभियुक्त हिमांशु शिवहरे पुत्र मुकेश शिवहरे निवासी ग्राम जौरा, पो. जौरा, जिला मुरैना, मध्य प्रदेश के रूप में की गई जो फर्जी प्रोफाइल व अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों उपयोग कर करोडो की साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग नामों से प्रोफाइल व इंटरनेशनल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता था इसी क्रम में आरोपी अभियुक्त हिमांशु शिवहरे पुत्र मुकेश शिवहरे को रुचिरा पेपर मिल फैक्ट्री के पास, कालाआम्ब, हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया व साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा न्यायालय में उपस्थित कराकर अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही विधिक प्रावधानों के तहत की गई ।
अभियुक्त द्वारा पीडित को अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर और फर्जी फेसबुक पहचान का उपयोग कर पीड़ित को झांसे में लिया गया। “फर्जी मित्र” के रूप में Dr. Loveth Gibson से संपर्क कर पहले विश्वास जीता गया। इसके बाद “जाली कस्टम अधिकारी सरवन खान” और “झूठा बैंक अफसर डेविड जॉनसन” ने फोन कॉल, चैट और SMS के माध्यम से दबाव बनाते हुए विभिन्न बहानों — कस्टम क्लियरेंस, बैगेज चार्ज, फ्लाइट टिकट, RBI नियम व विदेशी मुद्रा शुल्क — का हवाला देकर लगातार धनराशि मांगी गई।QR कोड, नकली पासपोर्ट, फर्जी फ्लाइट टिकट और बनावटी बैंक संदेश दिखाकर पीड़ित को भ्रमित किया गया। भावनात्मक ब्लैकमेल और तकनीकी साधनों से मानसिक दबाव बनाकर कुल 50 लाख रुपए की साइबर ठगी की गई।
प्रारंभिक पूछताछ में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि इसी प्रकरण में इससे पूर्व एक अभियुक्त की गिरफ्तारी की जा चुकी है। जांच से स्पष्ट हुआ है कि यह गिरोह संगठित रूप से कार्य कर रहा था, जिसमें विभिन्न आरोपी अलग-अलग भूमिकाएँ निभाते थे। गिरफ्तार किया गया अभियुक्त हिमांशु शिवहरे भी इसी नेटवर्क का सक्रिय सदस्य है, जो फर्जी प्रोफाइल और अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों का प्रयोग कर करोड़ों रुपये की साइबर ठगी को अंजाम देता था। उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस टीम की सतत कार्रवाई के परिणामस्वरूप इस प्रकरण में अब तक कुल दो गिरफ्तारियाँ की जा चुकी हैं।
गिरफ्तार अभियुक्त हिमांशु शिवहरे पुत्र मुकेश शिवहरे निवासी ग्राम जौरा, पो. जौरा, जिला मुरैना, मध्य प्रदेश है। उसे रुचिरा पेपर मिल फैक्ट्री, कालाआम्ब, हिमाचल प्रदेश क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।गिरफ्तारी पुलिस टीम में निरीक्षक विकास भारद्वाज, उपनिरीक्षक राजीव सेमवाल, अपर उपनिरीक्षक सुरेश कुमार, कांस्टेबल शादाब अली शामिल थे।


