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हरिद्वार। राज्य कर विभाग की सीआईयू इकाई ने हरिद्वार के कनखल के जगजीतपुर में एक फर्जी फर्म पर छापेमारी के दौरान करीब चार करोड़ रुपये के राजस्व की चोरी पकड़ी है। छापेमारी के दौरान जीएसटी अधिकारियों की जांच में फर्जी फर्मों की पूरी चेन का खुलासा हुआ है। इन सभी फर्जी फर्मों ने माल की वास्तविक खरीद किए बिना टैक्स रिटर्न में आईटीसी क्लेम किया है।

राज्य कर विभाग मुख्यालय की सीआईयू इकाई ने हरिद्वार, देहरादून, चमोली और काशीपुर में वर्क कांट्रेक्टर एवं विनिर्माण के व्यवसाय में कार्य कर रही आठ फर्मों के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। आयुक्त राज्य कर सोनिका के निर्देश पर की गई छापेमारी के दौरान दो फर्मों ने 50 लाख का राजस्व मौके पर टीम को जमा कर दिया।

छापेमारी में जगजीतपुर में संचालित एक फर्म की जीएसटी रिटर्न और ई-वे बिल के डाटा का विश्लेषण करने पर पाया गया कि फर्म स्वामी ने फर्जी फर्मों की एक चेन बनाई हुई है। इन फर्मों में माल की वास्तविक खरीद किए बिना ही जीएसटीआर-3बी के माध्यम से अपनी रिटर्न में आईटीसी क्लेम की गई है। अधिकांश फर्जी फर्मों के पास कोई वास्तविक खरीद नहीं थी। इन बोगस फर्मों ने खरीद दर्शाकर कांट्रेक्टर फर्मों को कमीशन के आधार पर बिल उपलब्ध कराए। फर्जी बिलों के सापेक्ष कांट्रेक्टर फर्मों ने अपनी टैक्स देयता को समायोजित कर लिया। जांच में यह भी पाया गया कि कांट्रेक्टर फर्मों ने तीन से पांच प्रतिशत कमीशन पर बिल खरीदे। इन बिलों के आधार पर फर्मों ने करीब चार करोड़ के राजस्व की क्षति पहुंचाई है। कांट्रेक्टर फर्मों और बिल सप्लायर फर्म के परिसर से अभिलेख और डिजिटल साक्ष्य एकत्रित किए गए है। इन फर्मों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई चल रही है।

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