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रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर के बाजपुर क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चनकपुर में नियुक्त शिक्षिका गिन्दर पाल को फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं।

शिक्षिका गिन्दर पाल की नियुक्ति 16 अक्तूबर 2009 को हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा निर्गत प्रथमा और मध्यमा प्रमाणपत्रों के आधार पर हुई थी। हालांकि जब इन दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया तो हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग (इलाहाबाद) ने इन्हें फर्जी और कूटरचित घोषित कर दिया। जब प्रमाणपत्रों पर संदेह हुआ तो 12 सितंबर 2023 को शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया था। बाद में न्यायालय के आदेश पर उनका निलंबन निरस्त कर दिया गया और उन्हें सेवा में बहाल कर दिया गया। लेकिन आरोप पत्र के जवाब में शिक्षिका द्वारा कोई पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए, जिससे उनके प्रमाणपत्रों की सत्यता सिद्ध हो सके। 28 अक्तूबर 2024 को हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से प्राप्त सत्यापन रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि शिक्षिका के मध्यमा और उत्तमा प्रमाणपत्र व अंकपत्र फर्जी हैं। इस आधार पर गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) हरेन्द्र कुमार मिश्रा ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। साथ ही डीईओ ने उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश भी जारी किए हैं। डीईओ ने बताया कि अभी कई शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। अभी और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

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