

रुद्रप्रयाग। बीएड की फर्जी डिग्री लेकर नौकरी पाने वाले आरोपी शिक्षक को न्यायालय से म सजा सुनाई गई है। शिक्षक को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर दण्डादेश भुगतने के लिए जिला कारागार पुरसाड़ी, चमोली भेज दिया गया है।
अभियोजन अधिकारी के अनुसार जनपद में तैनात फर्जी शिक्षक त्रिलोक सिंह कठैत पुत्र भगत सिंह द्वारा अपनी बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी प्राप्त की गई। शिक्षा विभाग की एसआईटी एवं विभागीय जांच के अनुसार शिक्षक की बीएड की डिग्री का सत्यापन कराया गया, जिस पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से जांच आख्या प्राप्त हुई, जिसमें उक्त आरोपी शिक्षक को विश्वविद्यालय से वर्ष 1993 में कोई भी बीएड की डिग्री जारी नहीं हुई पायी गई। शासन स्तर से एसआईटी जांच भी कराई गई थी। जिसके आधार पर शिक्षा विभाग रुद्रप्रयाग द्वारा शिक्षक के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया। फर्जी शिक्षक को तत्काल निलंबित कर बर्खास्त किया गया जबकि जनपद के सीजेएम न्यायालय में मामला विचारण के लिए पहुंचा।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी के न्यायालय ने आरोपी त्रिलोक सिह कठैत को फर्जी बीएड की डिग्री के आधार पर छल व कपट से नौकरी प्राप्त करने के संबंध में दोषी करार पाते हुए अभियुक्त त्रिलोक सिंह कठैत को भारतीय दण्ड संहिता की धारा धारा 420 में 5 वर्ष का कठोर कारावास की सजा तथा 10 हजार रुपये जुर्माने से दण्डित किया। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जबकि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 471 में दोषसिद्ध पाते हुए 2 वर्ष का कठोर कारावास व 5 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है। जुर्माना अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायालय के आदेश पर दोषसिद्ध त्रिलोक सिंह कठैत को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर दण्डादेश भुगतने के लिए जिला कारागार पुरसाड़ी, चमोली भेजा गया है। मामले में राज्य सरकार की ओर से अभियोजन अधिकारी प्रमोद चन्द्र आर्य द्वारा पैरवी की गई। उधर, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक अजय चौधरी ने बताया कि दोषी ने 1994 से 2022 तक 28 साल तक बतौर शिक्षक नौकरी की।


