नैनीताल। हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित राज्य के खनन निदेशक एसएल पैट्रिक पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को मामले में दस दिन के भीतर प्रति शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीबीआई को निर्देश दिए हैं कि वह आरोपों का परीक्षण कर बताएं कि निलंबित अधिकारी पैट्रिक पर लगे आरोप सीबीआई जांच के योग्य हैं या नहीं? अगली सुनवाई के लिए 10 मई की तिथि नियत की गई है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में हुई।
याचिकाकर्ता ओमप्रकाश तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उन्होंने खनन पट्टे की लीज के लिए आवेदन किया था। इस मामले में तत्कालीन खनन निदेशक ने सितंबर 2021 में दो लाख और अक्तूबर 2021 में तीन लाख रुपये मांगे। लेकिन उन्हें खनन की लीज नहीं दी गई। अक्तूबर 2022 में वे खनन निदेशक से पुन: मिले। तब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की खनन नीति को निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट से निरस्त हेने के बाद उन्होंने खनन निदेशक से फिर बात कर खनन की लीज देने अथवा दी गई रकम लौटाने की मांग की। लेकिन उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई। याचिकाकर्ता तिवारी ने कहा है कि यह मांग उन्होंने खनन निदेशक के मोबाइल पर व्हाट्सएप चैट के माध्यम से की थी। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता और खनन निदेशक के बीच इस संबंध में व्हाटसऐप पर चैटिंग हुई थी। इसी चैटिंग के आधार पर तत्कालीन खनन निदेशक के खिलाफ देहरादून की कैंट कोतवाली में 12 अप्रैल 2024 को एफआईआर दर्ज हुई। जहां तत्कालीन खनन निदेशक पैट्रिक ने भी ओम प्रकाश तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। याचिकाकर्ता ने इस क्रॉस एफआईआर को रद करने और मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कोर्ट से की है। कोर्ट में तत्कालीन खनन निदेशक संग हुए व्हाट्सएप चैट का स्क्रीन शॉट भी प्रस्तुत किया है। कोर्ट ने व्हाट्सएप चैट के स्क्रीन शॉट की प्रति सीबीआई को देने के भी निर्देश दिए हैं।