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हल्द्वानी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण, हल्द्वानी नीलम रात्रा की अदालत ने राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी) को 5500 रुपये की रिश्वत लेने के मामले में मंगलवार को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। वर्ष 2018 में विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर की टीम ने पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ दबोचा था।

सितारगंज के ग्राम मैनाझुंडी निवासी तरसेम सिंह ने विजिलेंस कार्यालय हल्द्वानी में 27 अप्रैल 2018 को यह शिकायत की थी। बताया था राजस्व उप निरीक्षक राम सिंह उसके आय प्रमाण पत्र के आवेदन पर रिपोर्ट लगाने के एवज में 5500 रुपये रिश्वत मांग रहा है। विजिलेंस निरीक्षक पंकज कुमार उप्रेती के नेतृत्व में ट्रैप टीम गठित की गई। शिकायतकर्ता को आय प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ट्रैप टीम ने 1 मई 2018 को राजस्व उप निरीक्षक राम सिंह को तरसेम सिंह से साढ़े पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया। केस दर्ज होने के बाद यह मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण, हल्द्वानी की अदालत में चला। ट्रायल के दौरान अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने अदालत नें 11 गवाह परीक्षित कराए। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी राम सिंह को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार देकर 14 मई को सजा सुनाई।

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