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डॉक्टर्स की टीम ने नर्सिंग के छात्रों को दी कई अहम जानकारियां

हरिद्वार। केयर कालेज ऑफ नर्सिंग किशनपुर-रोहलकी बहदराबाद में दो दिवसीय नेशनल वर्कशाप टॉपिक क्रिटिकल केयर नर्सिंग विषय का आयोजित हुआ। कार्यशाला में दिल्ली से आई डॉक्टर्स टीम ने नर्सिंग विद्यार्थियों को सामान्य जानकारी के साथ ही क्रिटिकल केयर की जानकारियां व सावधानियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।

नर्सिंग चैम्प्स के सहयोग से, “क्रिटिकल केयर नर्सिंग” पर एक व्यापक कार्यशाला का आयोजन किया। उद्घाटन दिवस, अंतर्दृष्टिपूर्ण सत्रों द्वारा चिह्नित, प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ. अशोक शर्मा और आरएन अंकित पारीक के नेतृत्व में था। कार्यशाला का प्राथमिक फोकस कैनुला, प्राधिकरण प्रक्रिया, ईसीजी, ग्लूकोमीटर, वेंटीलेटर, नेबुलाइज़र, ऑक्सीजन कंडेनसर, और अधिक जैसे महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों से संबंधित अच्छे नर्सिंग प्रथाओं को प्रदर्शित करना और बढ़ाना था।

डॉ. अशोक शर्मा और आरएन अंकित पारीक द्वारा निर्देशित आवश्यक नर्सिंग प्रथाओं की गहन खोज के साथ कार्यशाला शुरू हुई। छात्र व्यावहारिक सत्रों में सक्रिय रूप से लगे हुए थे, जो उन्हें विभिन्न महत्वपूर्ण देखभाल उपकरणों से निपटने और उपयोग करने में हाथ-पर अनुभव प्रदान करते थे। व्यावहारिक शिक्षा पर जोर, सैद्धांतिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोग के बीच की दूरी को पाटने के उद्देश्य से।

सत्र कैनुला प्रविष्टि तकनीक, उचित प्राधिकरण प्रक्रिया, ईसीजी रीडिंग की व्याख्या, ग्लूकोमीटर का सटीक उपयोग, वेंटीलेटर, नेबुलाइज़र से निपटने और ऑक्सीजन कंडेनसर के प्रबंधन के विस्तृत प्रदर्शन में निहित हैं। विशेषज्ञों के चरण-दर-चरण मार्गदर्शन ने महत्वपूर्ण देखभाल प्रक्रियाओं में छात्रों की समझ और योग्यता को समृद्ध किया।

छात्रों ने व्यावहारिक सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया, सक्रिय रूप से विशेषज्ञ सुविधाकर्ताओं से स्पष्टीकरण और मार्गदर्शन की मांग की। इस इंटरैक्टिव दृष्टिकोण ने एक गतिशील सीखने के वातावरण को बढ़ावा दिया, जिससे छात्रों को महत्वपूर्ण नर्सिंग देखभाल की बारीकियों को समझने की अनुमति मिली।

इस मौके पर केयर कॉलेज ऑफ नर्सिंग के एमडी राजकुमार शर्मा, निदेशक श्रीमती प्रीतिशिखा शर्मा, अतिरिक्त निदेशक श्रीमती शुभांगनी शर्मा, श्रीमती पोंमारी, नेहा शर्मा, अनिल बॉबी,नीतीश शर्मा एवं अन्य संकाय सदस्यों के समर्पित प्रयासों से कार्यशाला का सफल निष्पादन संभव हो पाया।

इसके नेतृत्व और निरीक्षण ने सभी प्रतिभागियों के लिए एक समृद्ध अनुभव पैदा करते हुए, कार्यशाला के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित किया। कार्यशाला में कई अन्य नर्सिंग कालेज के बच्चों ने भी प्रतिभाग किया।

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