

हल्द्वानी। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के नाम एक और उपलब्धि जुड़़ गई है । यूजीसी ने उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को 10 और नए कार्यक्रम दे दिए हैं। नए कार्यक्रमों में कुछ ऐसे कार्यक्रम हैं जो देश के मुक्त विश्वविद्यालयों में से केवल उतराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के पास हैं।
यूजीसी द्वारा जारी पत्र में नए कार्यक्रमों में मानव संसाधन में दो वर्षीय स्नातकोतर कार्यक्रम (एमए एच आर), पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एक वर्षीय स्नातकोत्तर कार्यक्रम (एम लिव एण्ड आई एससी), विशिष्ट शिक्षा के अंतर्गत स्नातकोत्तर कार्यक्रम बौद्धिक विकासात्मक विकलांगता (INTELLECTUAL DEVELOPMENTAL DISABILITY) में एमएड, श्रवण वाधित (HEARING IMPAIRMENT) में एमएड, दृश्य हानि (VISUAL IMPAIRMENT) में एमएड, तथा विशिष्ट शिक्षा में स्नातक स्तर पर पूर्व से संचालित कार्यक्रमों में दृश्य हानि (VISUAL IMPAIRMENT), बौद्धिक विकासत्मक दिव्यांगता INTELLECTUAL DEVELOPMENTAL DISABILITY, श्रवण वाधित (HEARING IMPAIRMENT), शिक्षण अक्षमता (LEARNING DISABILITYको निरंतर संचालित करने की अनुमति प्रदान की गई है। विशिष्ट शिक्षा के सभी स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम ढाई वर्ष के होंगे तथा ओडीएल बीएड 2 वर्ष का और एम लिव आईएससी 1 वर्ष का, तथा मानव अधिकार में स्नातकोत्तर कार्यक्रम 2 का होगा। यूजीसी ने यह भी कहा है सभी कार्यक्रामों को संचालित करने के लिए प्रतिवर्ष अनुमति लेनी होगी । यहां स्पष्ट करदें कि उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय राज्य का एक मात्र विश्वविद्यालय है जिसको अपने सभी कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए यूजीसी से मान्यता लेनी पड़ती है यानि मुक्त विश्वविद्यालय के सभी कार्य्रम सीधे तौर पर यूजीसी के मानकों व दिशा निर्देशों से संचालित किए जाते हैं। विश्वविद्यालय के शिक्षकों/ कर्मचारियों व अधिकारियों ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है तथा इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. ओ. पी. सिंह व विश्विद्यालय प्रशासन के प्रयासों की सराहरना की है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. खेमराज भट्ट ने कहा कि यह विश्वविद्यालय की बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर है, वह भौतिक संरचना हो व अकादमिक क्षेत्र विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षो में दर्जनों उपलब्धियां हाशिल की हैं । उन्होंने कहा कि यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त उक्त सभी कार्यक्रमों में से विशिष्ट बीएड तथा एमएड के कार्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिए जाएंगे तथा पुस्तकालय और मानव अधिकार स्नतकोत्तर कार्यक्रमों में सीधे तौर पर आज से ही ऑनलाईन प्रवेश शुरू कर दिए जाएंगे।






