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हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को एनसीवीईटी की मान्यता मिल गई है। इस उपलब्धि पर मुक्त विश्वविद्यालय में खुशी की लहर है। यह विश्वविद्यालय लगातार कई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। मुक्त विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय होगा जिसे एनसीवीईटी की मान्यता मिली है। अब विश्वविद्यालय व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए प्रतिष्ठित कंपनियों व संस्थानों से करार करेगा।
उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को मंगलवार देर शाम राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) की मान्यता का पत्र प्राप्त हुआ । विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ. पी. एस. नेगी ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से कई बार उनके द्वारा परिषद के समक्ष विश्वविद्यालय का पक्ष रखा गया, जिसमें कई दौर के शाक्षात्कार हुए, लेकिन उनका लक्ष्य था कि उत्तराखण्ड के युवाओं के लिए रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने के लिए किसी भी रूप में राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद की मान्यता मिल जाए।
ज्ञात हो कि एनसीवीईटी भारत में व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के मानकीकरण और विनियमन के लिए उत्तरदायी नियामक प्राधिकरण है। परिषद का उद्देश्य राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा (NSQF) के अनुरूप योग्यताओं को संरेखित करके कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप रोजगार क्षमता में सुधार करना है।
यहां यह बताना आवश्यक है कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को NCVET से Awarding Body – Dual Recognition द्वैतिक श्रेणी (AB-Dual) के रूप में मान्यता के लिए पत्र प्राप्त हुआ है। यह मान्यता यूओयू के लिए स्किल पाठ्यक्रम शुरू करने की दिशा में पहला कदम है। विशेष रूप से खुशी इस बात की है कि उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय उत्तराखंड का पहला राज्य विश्वविद्यालय और भारत का पहला राज्य मुक्त विश्वविद्यालय बन गया है जिसे यह प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त हुई है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नेगी ने कहा कि अब विश्वविद्यालय राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा (NSQF) के दिशानिर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय में कौशल-आधारित कार्यक्रमों को शुरू करेगा, जिससे व्यावसायिक शिक्षा को मजबूती मिलेगी। प्रो. ओ.पी.एस. नेगी ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय पिछले नौ महीनों से एनसीवीईटी मान्यता प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयासरत था । इसके अतिरिक्त, जुलाई 2024 में विश्वविद्यालय मुख्यालय हल्द्वानी में सभी राज्य मुक्त विश्वविद्यालयों के लिए एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, ताकि कौशल विकास के पहलों को बढ़ावा दिया जा सके। प्रो. नेगी ने इस उपलब्धि को संभव बनाने के लिए विश्वविद्यालय की पूरी टीम को व विशेषकर प्रो. जितेन्द्र पाण्डेय प्रो. पी.डी. पंत को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के सफल परिणाम के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की यह उपलब्धि उत्तराखंड में कौशल शिक्षा के लिए एक परिवर्तनकारी कदम है, जो नई शिक्षा नीति 2020 के तहत व्यावसायिक प्रशिक्षण और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देगा। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में व्यवसायिक विद्याशाखा पहले से ही संचालित हो रहा है जिसके अंतर्गत इन कार्यक्रमों को शुरू किया जायेगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 4 चरणों में पूर्ण होंगे पहला चरण विश्वविद्यालय द्वारा पाठ्य संरचना तैयार कर छात्रों को सैद्धांतिक जानकारी दी जाऐगी दूसरे चरण में व्यवसायिक कंपनियों के साथ करार कर उनका व्यवहारिक प्रशिक्षण कराया जायेगा तीसरे चरण में वे इंटर्नशिपइं लेंगे और चतुर्थ चरण में प्रोजेक्ट व मौखिक परीक्षा होगी । इसके लिए प्रतिष्ठित व्यवसायिक कंपनियों से करार कर दिया जायेगा
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