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हल्द्वानी। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय एवं भारतीय हिंदी प्राध्यापक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी का उद्घाटन समारोह विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुआ। इस अवसर पर देशभर से आए हिंदी प्राध्यापकों, शोधार्थियों और साहित्यकारों ने सहभागिता की।

संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने कहा, “हिंदी साहित्य ने स्वाधीनता संग्राम को शब्दों, विचारों और संघर्ष की लौ से जीवित रखा है। यह साहित्य समाज को नई दिशा देने वाला माध्यम रहा है।” उन्होंने हिंदी साहित्य के मूल संदर्भों और उसकी ऐतिहासिक भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीनचंद्र लोहनी ने क्षेत्रीय कवियों की सक्रिय भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्हें इस अवसर पर ‘सारस्वत सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

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