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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तर प्रदेश स्थित वायु सेना स्टेशन हिंडन में आयोजित एक समारोह में 45 स्क्वाड्रन व 221 स्क्वाड्रन को राष्ट्रपति मानक और 11 बेस रिपेयर डिपो व 509 सिग्नल यूनिट को राष्ट्रपति रंग से सम्मानित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की रक्षा में भारतीय वायु सेना का योगदान स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। वायु योद्धाओं ने साल 1948, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में अद्भुत साहस, समर्पण व आत्म-बलिदान का परिचय दिया है। इसके अलावा देश-विदेश में आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे वीर वायु सैनिकों की ओर से प्रदर्शित कर्तव्य को लेकर समर्पण और दृढ़ संकल्प सभी नागरिकों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि यह काफी प्रसन्नता की बात है कि भारतीय वायु सेना न केवल देश के आकाशीय क्षेत्र की रक्षा कर रही है बल्कि, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। वायु सेना के सभी अधिकारियों और जवानों के लिए यह काफी गर्व की बात है कि जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को इसरो के गगनयान मिशन के लिए चुना गया है, वे वायुसेना के अधिकारी हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि तेजी से बदलते इस युग में सुरक्षा आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं भी तेजी से बदल रही हैं। अन्य क्षेत्रों की तरह रक्षा क्षेत्र में भी तकनीक की भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। राष्ट्रपति ने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि भारतीय वायु सेना पिछले कुछ वर्षों से आधुनिक तकनीक अपना रही है।

राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी महिलाओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आगे कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि भारतीय वायु सेना की सभी शाखाओं में महिलाओं को समान अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

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