पिथौरागढ़। उत्तराखंड में एक बार फिर दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। आदि कैलास से दर्शन कर लौट रहे यात्रियों की टैक्सी नेशनल हाईवे पर गहरी खाई में गिर गई। सड़क हादसे के समय टैक्सी में छह लोग सवार थे। पुलिस-प्रशासन की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन मंगलवार देर रात तक लापता यात्रियों का कोई सुराग नहीं पता चला।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में यह दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिथौरागढ़ के धारचूला-लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग में एक टैक्सी दुर्घटनाग्रस्त होकर गहरी खाई में जा गिरा। हादसे के वक्त गाड़ी में चालक सहित छह यात्री सवार थे। हादसे के बाद सभी छह लोग लापता हैं।
बताया जा रहा है कि लापता पांच लोग आदि कैलाश दर्शन का वापस लौट रहे थे। घटना के पांच घंटे से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी लापता लोगों का कहीं कोई सुराग नहीं लग सका है। जानकारी के मुताबिक, हादसा मंगलवार को धारचूला तहसील मुख्यालय से 23 किमी दूर पांगला तंपा मंदिर के समीप हुआ।
स्थानीय एक व्यक्ति गुंजी से अपने टैक्सी में पांच आदि कैलाश यात्रियों को लेकर धारचूला के लिए रवाना हुआ। दोपहर एक बजे के करीब 57 किमी दूरी तय करने बाद टैक्सी अनियंत्रित होकर करीब 500 मीटर दूर खाई में गिर कर काली नदी किनारे पहुंच गई।
पीछे से आ रहे दूसरे वाहन में सवार लोगों ने घटना की जानकारी किसी तरह प्रशासन को दी। बाद में पांगला पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पहुंची। उन्होंने स्थानीय लोगों, एसएसबी के साथ मिलकर रेस्क्यू अभियान चलाया। लेकिन देर रात तक कोई पता नहीं चल सका।
खबर लिखे जाने तक भी टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हुई थी। देर रात कोई सुराग नहीं मिलने से आशंका लगाई जा रही है छह लोगों की मौत हो गई होगी। हालांकि, अभी तक सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पांगला तंपा मंदिर में हुए सड़क हादसे में भी यहीं कुछ हुआ। घटना दोपहर को घटी और प्रशासन को शाम को जानकारी मिली। इससे रेस्क्यू कार्य में भी देरी से शुरू हुआ। धारचूला के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले दारमा, व्यास और चौदास घाटी में रहने वाले हजारों लोग आज भी फोन पर अपनो से बातचीत के लिए तरस रहे हैं।
स्थानीय लोग लंबे समय से संचार सेवा शुरू करने की मांग उठा रहे हैं, लेकिन कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो सरकारी तंत्र अधिकतर गांवों को संचार सेवा से नहीं जोड़ सका है। जिसका बड़ा खामियाजा दुर्घटना के दौरान देखने को मिलता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक हादसा मंगलवार दोपहर एक बजे के करीब हुई, लेकिन प्रशासन को कई घंटों बाद जानकारी मिली।