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हल्द्वानी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने हल्द्वानी के रामपुर रोड के अमित कश्यप हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। हत्यारा और कोई नहीं बल्कि मृतक का मौसेरा भाई निकला। वह मौसा की हत्या करने आया था,मगर दुकान पर अमित मिला आरोपी ने उसी को मौत के घाट उतार दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने आज पत्रकारों से बातचीत में इसका खुलासा किया। बताया कि बदले की भावना व शक हत्या का कारण बना।
पुलिस के 26 नवंबर को गणेश कत्था फैक्ट्री रामपुर रोड़ टीपीनगर के पास ठेली लगाकर व्यवसाय करने वाले सुमेर कश्यप निवासी पीलीभीत के 30 वर्षीय पुत्र अमित कश्यप की अज्ञात द्वारा धारदार हथियार से मुंह व सर पर कई वार करके हत्या कर दी गयी। इस सम्बन्ध में वादी के तहरीर के आधार पर 28 नवंबर को कोतवाली हल्द्वानी में एफआईआर धारा 302 भा0द0वि0 बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया। इस सनसनीखेज हत्याकांड के खुलासे हेतु प्रहलाद नारायण मीणा एसएसपी नैनीताल द्वारा जगदीश चन्द्र एसपी क्राईम व हरवंश सिंह एसपी सिटी हल्द्वानी के पर्यवेक्षण में भुपेन्द्र सिंह धौनी सीओ हल्द्वानी, श्रीमती संगीता सीओ लालकुँआ के नेतृत्व में तत्काल पुलिस टीमों का गठन किया गया।
गठित पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल व शहर के सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन व मृतक के पारिवारिक पृष्ठभूमि की जांच प्रारम्भ की गयी ।
पुलिस टीम द्वारा तीन दिसम्बर को घटना को अंजाम देने वाले अभियुक्त अरूण कश्यप निवासी पीलीभीत को ग्राम डी क्लास तल्ली हल्द्वानी स्थित हनुमान मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया है। उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त आला कत्ल पाटल को बरामद किया गया है।
पूछताछ पर मृतक अमित कश्यप व उसके पिता सुमेर अभियुक्त अरूण कश्यप के मौसेरे भाई व मौसा हैं। अभियुक्त की पत्नी मृतक अमित की सगी साली है।
अरूण कश्यप अपने पिता के लापता होने व भाई की मृत्यु (इसी वर्ष 26 अक्टूबर को पीलीभीत में जिसकी बॉडी पीलीभीत में तालाब में मिली थी) के लिये अपने मौसा के परिवार को जिम्मेदार मानता है साथ ही अपनी पत्नी का अपने जीजा के घर आने-जाने के कारण भी इनके ऊपर शक करता है, तथा अपनी हत्या किये जाने का भी डर उनके मन में बना था।


इस कारण उसने योजना बनाई एवं घटना के दिन मंगलपड़ाव बाजार से पाटल खरीदा और 26 नवम्बर को ठेली पर अंधेरे का फायदा उठाकर पीछे से आकर उसके द्वारा अमित (मौसेरे भाई) की पाटल से वार करकर निर्मम हत्या कर दी गयी एवं फरार हो गया।
सनसनी वारदात को अन्जाम देने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को पुलिस कप्तान ने उत्साहवर्धन हेतु 2,500 रूपये नगद ईनाम से पुरूस्कृत करने की घोषणा की है।
पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली हरेन्द्र चौधरी, वरिष्ठ उपनिरीक्षक महेन्द्र प्रसाद
उपनिरीक्षक सुशील जोशी चौकी प्रभारी टीपीनगर, उपनिरीक्षक विजय मेहता चौकी प्रभारी मण्डी, उपनिरीक्षक जगदीप नेगी चौकी प्रभारी मंगल पड़ाव, उपनिरीक्षक नरेन्द्र कुमार चौकी प्रभारी राजपुरा
उपनिरीक्षक त्रिभुवन सिंह चौकी प्रभारी गन्ना सैन्टर, उपनिरीक्षक बबिता चौकी मंडी, कांस्टेबल तारा सिंह चौकी टीपीनगर, नवीन राणा चौकी टीपीनगर, बंशीधर जोशी, घनश्याम रौतेला, टैक्निकल टीम के हेड कांस्टेबल इसरार नबी (सीसीटीवी टीम), कांस्टेबल राजेश सिंह सर्वीलांस सैल, कांस्टेबल अनिल टम्टा टीपीनगर शामिल थे।

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