एडिटर इन चीफ अजय अनेजा।
संवाददाता, रुद्रपुर : Murder In Udham Singh Nagar : ऊधम सिंह नगर में अपराध अपने पैर पसारता दिखाई दे रहा है। 2021 में जहां जनपद में 34 हत्या हुई थी। यह आंकड़ा 2022 में सितंबर में ही पार हो गया। अक्टूबर में यह आंकड़ा 45 के करीब पहुंच गया है।हत्या का ग्राफ लगातार बढ़ता चला जा रहा है। आलम यह है कि कैबिनेट मंत्री की हत्या के लिए सुपारी तक मामला पहुंच गया। हालांकि उस मामले पर पुलिस ने समय रहते लगाम लगा आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन कैबिनेट मंत्री की हत्या की साजिश ने जो संकेत दिए उसके बाद भी जनपद में हत्याओं का लगातार जारी सिलसिला पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है।ऊधम सिंह नगर में अपराध लगातार बेलगाम होता चला जा रहा है। अपराधियों का इकबाल सिर चढ़ कर बोलने लगा है। हत्याओं का ग्राफ लगातार बढ़ता चला जा रहा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो 2021 में जनपद में 34 हत्याएं हुई थीं। यह आंकड़ा वर्ष, 2022 में सितंबर माह में ही पहुंच गया
सूत्रों के मुताबिक 30 सितंबर तक जनपद में हत्या का आंकड़ा 37 तक पहुंच गया। अक्टूबर माह के ही आंकड़ों पर नजर डाले तो अब तक नौ के करीब हत्या हो चुकी है। जिससे जनपद में हत्या का आंकड़ा 45 के पार पहुंच गया है, जो गत वर्ष के मुकाबले 11 अधिक है और अभी दो माह का समय 2022 के पूरा होने में बचा है।केस 1किच्छा में शंभू दफादार पुत्र सुशील दफादार की धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई थी। 6 अक्टूबर को उसका शव गोला नदी के किनारे झाड़ियों में बरामद हुआ था। उसकी हत्या के आरोप में पुलिस ने कांग्रेस नेता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।केस 2रुद्रपुर निवासी धारा कोली पुत्र रोशन लाल निवासी वार्ड नंबर 22 रम्पुरा रुद्रपुर की मुखबिरी के शक में 6 अक्टूबर को उसको घर से बुला कर हत्या कर शव उत्तर प्रदेश में ले जाकर फेंक दिया था। हत्या को अंजाम देने के लिए आरोपित ने शार्ट टाइम बेल ली थी। आरोपित किच्छा से एनडीपीएस एक्ट में जेल गया था।केस 3काशीपुर क्षेत्र में खनन के विवाद को लेकर 13 अक्टूबर को खनन कारोबारी महल सिंह की गोली मार कर शूटरों ने हत्या कर दी थी। यह हत्या पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ हुई फायरिंग में ब्लाक प्रमुख की पत्नी की मौत के बाद पूरे जनपद का फोर्स वहां तैनात था। उसके बाद भी शूटर बाहर से आकर हत्या कर सकुशल चले गएकेस 426 अप्रैल को बाजपुर में खनन के लेन देन को लेकर हुए खूनी संघर्ष में युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस ने घटना में तात्कालिन कांग्रेस जिलाध्यक्ष अविनाश शर्मा सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।केस 515 मई को शांतिपुरी में खनन के विवाद में भाजपा नेता संदीप कार्की की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। हत्या का कारण पट्टा निकासी के लिए मार्ग रहा। पुलिस ने हत्यारोपित ललित मेहता के साथ उसके भाई व पिता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।