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एडिटर इन चीफ अजय अनेजा।

हल्द्वानी-बनभूलपुरा में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए मेगा प्लान तैयार हो गया है। इस संबंध में हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में 28 दिसंबर से इसकी शुरुआत करने की सहमति बनी। पुलिस व प्रशासन के सहयोग से रेलवे अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाएगा। बुधवार को मुनादी होगी जिसमें एक सप्ताह की मोहलत दी जाएगी। उसके बाद पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी और पोकलैंड से अतिक्रमण हटाया जाएगा। राज्य स्तर से फोर्स की अनुमति दी जा चुकी है जबकि पैरामिलिट्री फोर्स के लिए केंद्र से मांग की गई है।

रेलवे की 78 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के मामले में कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं। सोमवार को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की अध्यक्षता में डीएम धीराज गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भट्ट, एडीआरएम (इज्जतनगर रेलवे मंडल) विवेक गुप्ता समेत लोनिवि, नगर निगम, चिकित्सा, जल संस्थान, विद्युत विभाग, परिवहन निगम समेत अन्य विभागों के उच्चाधिकारियों की सर्किट हाउस में बैठक हुई। बैठक में 28 दिसंबर से अभियान की शुुरुआत करने पर सहमति बनी। बुधवार से संबंधित क्षेत्रों में मुनादी कराई जाएगी। इसके तहत पहले उन पिलरों की मरम्मत की जाएगी जो 2016-17 में सीमांकन के समय लगाए गए थे। वहीं दोबारा चिह्नीकरण के बाद नए पिलर भी खड़े किए जाएंगे। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने चिह्नित लोगों को व्यक्तिगत तौर पर नोटिस भेजने की बात कही तो एडीआरएम ने साफ इनकार कर दिया। बताया कि पहले हुए सीमांकन में 4363 घरों को नोटिस दिया गया था। अब समाचार पत्रों के माध्यम से सामूहिक तौर पर नोटिस दिया जाएगा। एक सप्ताह का समय दिए जाएगा। फिर भी भूमि खाली न करने पर बलपूर्वक अतिक्रमण हटाया जाएगा।

बैठक में डीएम ने कहा कि 28 दिसंबर से शुरु होने वाले पीलरबंदी के काम के दौरान स्थानीय पुलिस के साथ-साथ सिटी मजिस्ट्रेट व एसडीएम मनीष सिंह भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी होगी।भारी उपकरणों का खर्च वहन करेगा रेलवे अतिक्रमण हटाने के लिए जब उसमें इस्तेमाल होने वाली पोकलैंड, जेसीबी और बेरीकेडिंग की बात सामने आई तो पहले रेलवे के अधिकारी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्रयास करते रहे। इसके बाद डीएम और लोनिवि के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद एडीआरएम ने रेलवे से खर्चा दिलाने की सहमति प्रदान की। लोनिवि के ईई अशोक कुमार ने कुछ जेसीबी ठेकेदारों से बातचीत होने और टेंडर निकाले जाने की बात कही। टेंडर से बात न बनने पर एडीआरएम ने प्रतिदिन किराये के हिसाब से भी 25 पोकलैंड और 25 जीसीबी मंगाने की सहमति दी है। वहीं इसके किराये-भाड़े की पूरी बातचीत सीधे ठेकेदार और रेलवे की बीच होगी। हालांकि दोनों पार्टियों के बीच बातचीत कराने का जिम्मा लोनिवि को दिया गया है। इसके अलावा मैपिंग और निगरानी के लिए 10 ड्रोन और 20 वीडियो कैमरों की मांग पुलिस ने रेलवे से की है। इसके लिए भी हामी भर दी गई है।

स्टेशन और ट्रैक की सुरक्षा करेगी आरपीएफ रेलवे पुलिस बल मुहैया कराने की बात जब उठी तो रेलवे के अधिकारियों ने पांच कंपनी रेलवे पुलिस बल देने की बात कही। वहीं अधिकारियों ने जब भीड़ के उग्र होने पर स्टेशन या फिर रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई तो फोर्स की मांग को बढ़ाकर 10 कंपनी कर दिया गया। रेलवे पुलिस बल की 10 कंपनी फोर्स केवल रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक की सुरक्षा में ही तैनात होगी।राज्य की फोर्स स्वीकृत, केंद्र से मांगी पैरामिलिट्री बैठक में एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस ने अपनी तैयारी पहले से ही कर रखी है। राज्य से जो फोर्स मांगी गई थी उसकी अनुमति मिल गई है। वहीं पीएसी की कुछ कंपनी शहर में आ चुकी हैं। अभियान के दौरान 14 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की जाएगी। इसके लिए शासन से मांग की जा रही है। इसका प्रस्ताव बना लिया गया है। इसके अलावा सिविल और यातायात पुलिस बल मिलाकर कुल 4800 जवानों व अधिकारी तैनात रहेंगे। वहीं इनके ठहरने के लिए जिले के 26 अलग-अलग स्थानों पर व्यवस्था की गई है। लोनिवि को जल्द से जल्द सभी जगहों पर अस्थायी शौचालय बनवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

रेलवे के मैप से होगी कार्रवाई बैठक की शुरुआत में एसडीएम मनीष सिंह ने सवाल उठाया कि प्रशासन ने जो मैप तैयार किया है वह मीटर में है जबकि रेलवे ने अपनी मैपिंग फीट में की है। इसके चलते कार्रवाई रेलवे के मैप से होने पर ही सभी अधिकारियों की सहमति बनी। डीएम का कहना था कि रेलवे का बनाया मैप ही कोर्ट में पेश किया गया था और उस ीका उच्च न्यायालय ने अध्ययन किया है। उसी के आधार पर ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। वहीं अतिक्रमण हटाने के समय पर हर 200 मीटर पर रेलवे अस्थायी बाउंड्रीवॉल भी लगाएगा।बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद बैठक में वरिष्ठ मंडल अभियंता समंवयक अरुण कुमार, वरिष्ठ मंडल संरक्षक ऋषि पांडेय, एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र, एसपी सिटी हरबंस सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. भागीरथी जोशी, एडीएम शिवचरण द्विवेदी, अशोक जोशी, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, एसडीएम हल्द्वानी मनीष सिंह, मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, ईई लोनिवि अशोक चौधरी, एआरटीओ रश्मि भट्ट, विमल पांडेय, एसओ बनभूलपुरा नीरज भाकुनी और एसओ काठगोदाम प्रमोद पाठक आदि मौजूद रहे।=:=====तैयारियों में जुटा पुलिस विभाग हल्द्वानी। रेलवे भूमि अधिग्रहण मामले में पुलिस की आधी से ज्यादा तैयारियां हो चुकी हैं। सुरक्षा के लिहाज और हर हालात से निबटने के लिए पुलिस ने अपनी तैयारियां और भी मजबूत करने के लिए कई तरह के सुरक्षा उपकरणों की भी मांग की है। पुलिस ने दंगा नियंत्रण वैन, प्रिजनर वैन, बॉडी प्रॉक्टर, केन शील्ड, हेलमेट, लाठी/डंडे, रस्से, बायनाकुलर, ध्वनी विस्तारक यंत्र, 38 एमएम टियर गैस गन, एसएलआर/टियर स्मॉक सैल, सॉफ्ट नोज एलआर, एंटी राइड गन, रबड़ बुलेट, कैप्सी स्प्रे, कैप्सी ग्रेनेड समेत अन्य तरह के उपकरणों की मांग की है।====:=परिवहन विभाग से जेसीबीधारक और बसों की सूची मांगी हल्द्वानी। रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए परिवहन विभाग को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। फोर्स को लाने ले जाने के लिए बसों की जरूरत होगी। इसलिए जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग के एआरटीओ विमल पांडे और अन्य अधिकारियों से नैनीताल व ऊधमसिंह नगर के जेसीबी और बसों की सूची मांगी है। हालांकि अभी विभागीय अधिकारियों ने अभी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहा है। परिवहन विभाग को अपनी खाली जमीन की चिंता हल्द्वानी। रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर पुलिस और प्रशासन तैयारी कर रहे हैं। तो वहीं गौला नदी से सटे परिवहन विभाग की फिटनेस वाली जमीन को लेकर विभाग को चिंता सता रही है। विभागीय अधिकारियों ने प्रशासन के अधिकारियों से कहा है कि इसे लेकर सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए क्योंकि लोग यहां भी आकर बस सकते हैं।

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