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देहरादून। राजस्व विभाग में सरकारी रिकॉर्ड फाड़कर जमीनों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े किए जाने के आरोप में शहर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। देहरादून सदर तहसील के रजिस्ट्रार कानूनगो की तहरीर पर पुलिस ने यह कार्रवाई की। जिन लोगों के नाम जमीनें दर्ज की गईं, उनके आदेश की पत्रावलियां गायब हैं। यह मामला रायपुर क्षेत्र की जमीनों से जुड़ा हुआ है।

शहर कोतवाली पुलिस को सौंपी गई तहरीर में कहा गया कि राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों ने जानते और बूझते हुए राजस्व अभिलेखागार के अभिलेखों से छेड़छाड़ की। फसली वर्ष 1376 से जुड़ी आर-6 पंजिका (वर्ष 1956 से 1975) का पृष्ठ भी फाड़ दिया गया। तहसील के रिकॉर्ड से इसका मिलान कराए जाने पर वहां मिसलबंद पंजिका गायब मिली। इसके अलावा फसली वर्ष 1373 से 1378 के तहत ग्राम रायपुर की खतौनी में सुपरवाइजर कानूनगो के आदेश से पेज संख्या-11 के क्रमांक 3/31-12-1991 में मृतक गोवर्धन पुत्र सालक का नाम खारिज करके महेश्वरानंद, दयानंद, पूर्णानंद, ज्योति प्रसाद, मोहनलाल पुत्र गोवर्धन का नाम बतौर वारिस दर्ज किया गया है। लेकिन, इस आदेश से जुड़े अभिलेख तहसील अभिलेखागार में मौजूद नहीं हैं।
प्रशासन ने माना कि अभिलेखों में छेड़छाड़ का प्रकरण लंबी अवधि का है। इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि यह फर्जीवाड़ा किसने किया। लिहाजा, इस मामले में देहरादून सदर तहसील के रजिस्ट्रार कानूनगो प्रेम प्रकाश गोस्वामी की तहरीर पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया कि इस मामले में वैज्ञानिक परीक्षण कराया जाएगा।

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