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नैनीताल। चिटफंड कंपनी एलयूसीसी की ओर से उत्तराखंड में लोगों से 800 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले की जांच सीबीआई करेगी। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने इसके आदेश दिए हैं। कोर्ट ने पीड़ितों को अपनी शिकायतें सीबीआई को देने के लिए भी कहा है।

पूर्व में हुई सुनवाई पर हाईकोर्ट ने पूछा था, कि क्या सीबीआई इस मामले की जांच कर सकती है। कोर्ट को बताया गया कि सीबीआई से इसकी अनुमति मिल गई है। इसका स्वीकृत पत्र भी कोर्ट में पेश किया गया। उत्तराखंड पुलिस की ओर से कहा गया कि मामले में कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, अन्य की जांच चल रही। वहीं, 27 पीड़ितों ने कोर्ट को बताया कि उनका केस दर्ज नहीं किया है। जब तक केस दर्ज नहीं होगा, तब तक उनका डूबा हुआ पैसा वापस नहीं मिलेगा। इसपर कोर्ट ने उन्हें कंपनी को पैसे देने के प्रमाण पत्र के साथ शिकायत सीबीआई को देने के लिए कहा।

इस मामले में देहरादून, ऋषिकेश सहित कई अन्य जगहों के पीड़ितों याचिकाएं दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि बाहरी कंपनी राज्य में बगैर पंजीकरण काम कर रही थी और सरकार व सोसायटी को पता तक नहीं चला। इसकी भी जांच कराई जाए।
याचिकाओं में कहा गया कि निवेशकों की शिकायत पर देशभर में कंपनी के खिलाफ 56 मुकदमे दर्ज हुए। मुख्य आरोपी दुबई भाग गया है।
ऋषिकेश निवासी आशुतोष व अन्य की ओर से कहा गया कि एलयूसीसी नाम की कंपनी ने 2021 में देहरादून, ऋषिकेश और पौड़ी में ऑफिस खोले। एजेंट बनाकर स्थानीय लोगों से निवेश कराया गया। कंपनी ने सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट में पंजीकरण तक नहीं कराया और 2023-24 में ऑफिस बंद कर फरार हो गई।

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