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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 62 स्थित नैनीताल बैंक के आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) चैनल को हैक करके 16 करोड़ एक लाख 83 हजार 261 रुपये की जालसाजी का मामला सामने आया है। साइबर जालसाजों ने 84 बार में पूरी रकम को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिया। जब बैंक में बैलेंस शीट का मिलान किया गया, तब इस जालसाजी के बारे में पता चला। इस मामले में साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि बैंक के सर्वर को हैक पूरी जालसाजी की घटना को अंजाम दिया गया।
नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत की है। उन्होंने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि बैंक में जून महीने में बैलेंस शीट का मिलान किया जा रहा था। 17 जून को आरबीआई सेटलमेंट आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस सीट में 3 करोड़ 60 लाख 94 हजार 20 रुपये का अंतर पाया गया। इसके बाद आरटीजीएस टीम ने (स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम) एसएफएमएस सर्वर के साथ सीबीएस (कोर बैंकिंग सिस्टम) में लेनदेन की जांच की गई।
इस दौरान पाया गया कि सीबीएस (कोर बैंकिंग सिस्टम) और एसएफएमएस (स्ट्रक्चर्ड मैसेजिंग सिस्टम) में कुछ खामियां हैं। इसके बाद आरटीजीएस संदेश देर से मिलने का मामला मानते हुए आरटीजीएस टीम ने अगले दिन तक इंतजार किया और 18 जून को जांच की गइ। इसमें भी बैलेंस सीट मेल नहीं खा रहा था। जबकि एसएफएमएस में निपटान रिपोर्ट भी बैंकों के सीबीएस के साथ मेल खा रही थी। इस दौरान जांच में कुछ संदिग्ध गतिविधि नजर आई। शुरुआत में आरटीजीएस टीम को आंतरिक जांच में लग रहा था कि सिस्टम लाइन में कुछ समस्या है।
20 जून को जब आगे की जांच की गई तब पता चला कि जिस बैलेंस शीट में गड़बड़ी मिल है। इसमें 85 फीसदी लेनदेन कैश में की गई है। इसके बाद आगे की जांच में पता चला कि 16 करोड़ एक लाख 83 हजार 261 रुपये की धोखाधड़ी हुई है। यह रकम बैंक से 84 बार में अलग अलग खातों में भेजी गई है। साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार का कहना है कि इस मामले में थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और इस मामले की जांच के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई गई है। इस मामले में पुलिस की टीम कई अन्य एजेंसियों की मदद ले रही है।

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