ख़बर शेयर करें -

देहरादून– बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए नियुक्त किए जाने वाले ब्लॉक और संकुल संदर्भ व्यक्ति (बीआरपी-सीआरपी ) की भर्ती एक बार फिर से सरकार और शिक्षा विभाग के बीच लटक गई है। सात जून को शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने एसपीडी-एसएसए वंशीधर तिवारी को बीआरपी-सीआरपी की नियुक्ति के आदेश दिए थे, लेकिन आज साढ़े तीन महीने बाद भी हालत जस की तस है। यदि समय पर प्रक्रिया शुरू हो जाती तो अब तक प्रदेश के 955 बेरोजगारों को रोजगार मिल सकता था। हैरानी की बात तो यह है कि इन 955 पदों के मानदेय का पूरा खर्च केंद्र सरकार ने उठाना है, इसके बावजूद शिक्षा विभाग देर पर देर कर रहा है।

राज्य में रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर मुहैया कराने के सरकार और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दावों को भी अफसरों की सुस्त चाल मुंह चिढ़ा रही है। करीब सात साल की ऊहापोह के बाद सात जून को सरकार सूत्रों के अनुसार कुछ समय पहले एसएसए ने शासन को नियुक्ति प्रक्रिया की शर्तें तैयार कर भेजी थी। शासन ने इसमें 10 प्रतिशत पद रिटायर शिक्षकों के लिए भी रखने के लिए कहा है। एसपीडी बंशीधर तिवारी ने बताया कि सभी औपचारिकताएं करीब-करीब पूरी कर ली गई हैं। शासन से अनुमति मिलते ही नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल आगे बढ़ाया जाएगा। बीआरपी-सीआरपी की नियुक्ति को मंजूरी दी थी, लेकिन शिक्षा विभाग नियुक्ति की प्रक्रिया पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया।

Ad Ad Ad

You cannot copy content of this page