देहरादून– उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम- उपनल से केवल पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों को ही नौकरी का मौका मिलेगा। सिविलयन के लिए उपनल का दरवाजा नहीं खोला जाएगा। वर्तमान में तीस हजार पूर्व सैनिक और उनके आश्रित नौकरी के उम्मीद में उपनल में रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
विधानसभा सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उपनल की स्थापना केवल पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों के पुनर्वास के लिए की गई है। पांच जुलाई 2016 को उपनल के दरवाजे में गैरसैन्य पृष्ठभूमि के लोगों के लिए बंद कर दिए गए थे।
कोरोना काल में बड़ी संख्या में प्रवासियों के वापस लौटने पर कुछ शर्तों के साथ सामान्य नागरिकों के लिए ढील दी दे गई थी। 31 मार्च 2022 के बाद से पुनः पुरानी व्यवस्था लागू हो चुकी है।
ज्यादातर सैनिक 35 से 40 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं । इसलिए उपनल की स्थापना केवल पूर्व सैनिकों के लिए की गई थी । केवल उन्हें और उनके आश्रितों को ही नियुक्ति दी जाएगी। – गणेश जोशी, सैनिक कल्याण मंत्री