ख़बर शेयर करें -

एडिटर इन चीफ अजय अनेजा

जबलपुर रेलवे हॉस्पिटल में उस वक्त हंगामे के हालात बन गए, जब इलाज के लिए पहुंचे एक लोको पायलट की मौत हो गई। पायलट की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल किया। हंगामे की सूचना मिलते ही रेलवे के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंची, जिसने परिजनों को समझाकर शांत कराया।

परिजनों के मुताबिक, लोको पायलट अतुल पटेल को एक्सीडेंट के बाद गंभीर हालत में नागपुर ले जाया गया था। जहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बताकर घर जाने की अनुमति दे दी। घर पहुंचते ही अतुल की तबियत एक बार फिर बिगड़ने लगी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। परिजन उन्हें रेलवे की एंबुलेंस से मुख्य रेलवे स्टेशन के पास स्थित रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती करने के लिए लेकर पहुंचे। अतुल की सांस बार-बार उखड़ रही थी और उन्हें तत्काल ऑक्सीजन की जरूरत थी। लेकिन जिस एंबुलेंस से अतुल को हॉस्पिटल लाया गया, उसका ऑक्सीजन सिलेंडर खाली था।

शराब के नशे में था वार्ड बॉय…अस्पताल पहुंचते ही अतुल को ऑक्सीजन सपोर्ट पर लेने का प्रयास किया गया तो जो वार्ड बॉय उसे लेने के लिए पहुंचा था, वो शराब के नशे में धुत था। अस्पताल का ऑक्सीजन सिलेंडर भी पूरी तरह खाली था। समय पर ऑक्सीजन न मिलने के कारण अतुल ने हॉस्पिटल के गेट पर ही दम तोड़ दिया। परिजनों के तमाम आरोपों को देखते हुए रेलवे अधिकारियों ने तत्काल एक टीम जांच के लिए हॉस्पिटल भेजी, जिसने हॉस्पिटल प्रबंधन और परिजनों से बातकर मामले की जांच शुरू कर दी है।वहीं, पूरे मामले में कमांडेंट अरुण त्रिपाठी का कहना है कि जो भी कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात थे। उनका ब्लड सैंपल लेकर चेक कराया जा रहा है कि वह नशे की हालत में थे या नहीं। वहीं, ऑक्सीजन सिलेंडर को भी जब्त कर लिया गया है। पूरे मामले की एक कमेटी जांच कर रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Ad Ad Ad

You cannot copy content of this page