

नैनीताल। हाईकोर्ट में 17 नवंबर को अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अंतिम सुनवाई होगी। घटना के आरोपियों ने निचली अदालत से मिली आजीवन कारावास की सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार से याचिकाओं पर आपत्ति पेश करने को कहा है। साथ ही जिन पक्षकारों को निचली अदालत के दस्तावेज नहीं मिले हैं,उन्हें दस्तावेज देने को भी कहा है।
कोटद्वार कोर्ट ने 30 मई 2025 को आईपीसी की धारा 302, 354अ और 201 के तहत आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई थी। यहां सुनवाई के दौरान 47 गवाह पेश किए गए थे। इधर, हाईकोर्ट में फैसले को दी गई चुनौती की याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से कहा गया कि मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह पेश नहीं किया गया है। युवती का शव नहर से बरामद हुआ था। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपी व उसके दो साथियों की लोकेशन घटनास्थल की थी। फॉरेंसिक जांच से भी इसकी पुष्टि हुई। यही नहीं, अंकिता की व्हाट्सएप चैट में भी मामले में अहम सबूत मिले। आरोपियों ने रिजॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद करा दिए थे और डीवीआर से भी छेड़छाड़ की गई थी।
मामले के अनुसार, पौड़ी के डोभ श्रीकोट की अंकिता भंडारी, ऋषिकेश स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में नौकरी करती थी। 24 सितंबर 2022 को उसका शव चीला बैराज से बरामद हुआ था। मामले में रिजॉर्ट स्वामी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर व अंकित पर आरोप है कि इन तीनों ने बैराज में धक्का देकर अंकिता की हत्या कर दी। पुलिस ने जांच के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, तब से अभियुक्त जेल में बंद हैं।


