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नैनीताल। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दहेज हत्या के जुर्म में पति को दस वर्ष और सास-ससुर को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय के आदेश पर तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया।
नैनीताल के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार द्वारा दहेज हत्या के जुर्म में पति मो० इरशाद, ससुर छोटे, सास सलमा को दोषी करार कर न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा। अभियोजन कथनानुसार रिपोर्टकर्ता की पुत्री शबाना की शादी 2015 में मो० इरशाद पुत्र छोटे निवासी इन्द्रानगर हल्द्वानी के साथ हुआ था, शादी में सामर्थ्य के अनुसार दान दहेज दिया था. लेकिन शादी के बाद से ही रिपोर्टकर्ता की पुत्री को पति मौ० इरशाद, ससुर छोटे, सास सलमा, मामा सलीम कम दहेज लाने का ताना मारते थे। दहेज में बुलेट मोटरसाईकिल लाने का दबाव डालते थे, इसी बीच समय समय पर दो पुत्रिया कमश 3 वर्ष व 2 वर्ष पहली पुत्री होने पर सास ने रिपोर्टकर्ता का पुत्री का पुत्र ना होने के बारे में कोसा, दूसरी पुत्री होने पर सास सलमा, उसका पति इरशाद, ससुर, मामा रिपोर्टकर्ता की पुत्री को आये दिन कोसने लगे और ताने देने लगे कि एक तो तेरे बाप ने दहेज में कुछ नहीं दिया, तूने दो पुत्रियों जन्म दे दी है, इनका खर्चा तेरा बाप देगा, पुत्री होने के पश्चात पुत्री को दहेज के लिए उत्पीड़न और ब गया, कुछ समय पूर्व रिपोर्टकर्ता की पुत्री ने बताया कि उसका पति व सास 2 लाख रुपए अपने मायके से लाने का दबाव डाल रहे है. मना करने पर मेरे साथ गाली गलौज व मारपीट कर रहे हैं। 29 सितंबर 2021को मृतका की मृत्यु की सूचना मिलने पर मृतका की बहन अंजुम मौके पर गयी तो अभियुक्तगणों ने कहा कि तुम जाओ, पुलिस केस हो जायेगा, तेरे माता-पिता से बात कर मामले को रफा-दफा कर दूगे, अंजुम ने उक्त सूचना अपनी बहन य पिता को दी, पिता मौके पर आये और पुलिस को बुलाया, जबकि अभियुक्तगण मृतका शबाना के शव को आनन-फानन में दाह संस्कार के प्रयास में लगे थे। सास कहने लगी की उल्टी दस्त से मर गयी है और पति व ससुर और कारण बताने लगे, शव देखने नहीं दिया। मैं अपनी पत्नी के साथ थाना वनभूलपुरा पहुंचा और पुलिस को अपनी पुत्री को दहेज के लिए ससुराल वालों द्वारा मारने की बात बतायी थी। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया चुन्नी चादर हटाकर देखा तो गले में निशान दिखायी दे रहे थे, जिससे लग रहा था कि उक्त लोगों ने मेरी पुत्री को दहेज के लिए मार दिया है।

अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला शासकीय अभिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा अभियोजन के इस तथ्य को साबित किया है कि तीनों अभियुक्तगण शादी के 2 वर्ष के बाद से मृतका शबाना से 2 लाख नकद व मोटरसाईकिल की अतिरिक्त दहेज की मांग करते थे मांग को पूरी करने के लिए आये दिन शबाना के साथ मारपीट कर उसका उत्पीड़न करते थे और मृतका की मृत्यु अप्राकृति रूप से शादी के 7 वर्ष के भीतर उसके ससुराल में हुई है. जहाँ पर तीनों अभियुक्तगण मौजूद थे। 29.09.2021 को शबाना, अभियुक्त इरशाद के घर इन्द्रानगर बरसाती नूरी मस्जिद के पास फांसी के फन्दे में लटकी हुई पायी। उक्त मामले की विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी शान्तन् पाराशर द्वारा पूर्ण कर अभियुक्त मो० इरशाद पुत्र छोटे, ससुर छोटे पुत्र रमजानी, सास सलमा पत्नी छोटे नि०-इन्द्रानगर नूरी मरिजद के पास वनमूलपुरा जनपद नैनीताल के विरुद्ध धारा-304वी, 498ए भा०द०सं व 3/4 डी०पी०एक्ट के अन्तर्गत आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। अभियोजन तथ्यों को साबित करने हेतु जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा मामले में कुल 11 गवाह पेश किये गये और बचाव पक्ष द्वारा अपने बचाव में 6 गवाह पेश किए।
न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल सुबीर कुमार द्वारा आज अभियुक्तगण मो० इरशाद पति को धारा-304बी भा०द०सं० के अन्तर्गत 10 वर्ष का कठोर कारावास ससुर छोटे व सास सलमा को धारा-304बी भा०द०सं० के अन्तर्गत 7-7 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनायी है तथा तीनों अभियुक्तगणों को धारा-498ए भा०द०सं० के तहत 3-3 वर्ष का कठोर कारावास व 5-5 हजार रू० अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है, अर्थदण्ड अदा ना करने पर 3-3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी है, साथ ही न्यायालय द्वारा धारा 4 डी०पी०एक्ट के अन्तर्गत तीनों अभियुक्तों को + दोषी पाते हुए 2-2 वर्ष का कठोर करावास व 5-5 हजार रू० के अर्थदण्ड की सजा सुनायी है, अर्थदण्ड अदा ना करने पर 1-1 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाकर अभियुक्तगणों को हिरासत में लेकर सजा भुगतने हेतु जेल भेजा है।

न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में मृतका की दोनों नाबालिग पुत्रियाँ आयशा व अनादिया को द०प्र०सं० की धारा-357 उत्तराखण्ड अपराध से पीड़ित सहायता योजना-2013 व 2020 के तहत सहायता धनराशि प्रदान करवाने बावत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल को भी निर्देशित करते हुए मृतका के पिता अनवार हुसैन को यह भी निर्देश दिये हैं कि क्षतिपूर्ति की धनराशि प्राप्त होने के अन्दर क्षतिपूर्ति धनराशि की एफ०डी० मृतका के नाबालिग बच्चों के नाम करायी जायेगी।

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