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नैनीताल। नैनीताल के पास हाल ही रिजॉर्ट में अवैध खनन, कटान और जंगली जानवर का सिर मिलने के मामले में रिजॉर्ट मालिक की अग्रिम जमानत याचिका न्यायालय ने खारिज कर दी है।

द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश नैनीताल विजय लक्ष्मी विहान द्वारा ट्रैविलाईट रिजॉर्ट धिंघारी खुर्पाताल, थाना तल्लीताल, जिला नैनीताल का रिजॉर्ट मालिक धर्मेन्द्र सिंह पुत्र किशन सिंह ग्राम अधौड़ा पो० तल्लीताल, नैनीताल का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र चार मामलों में खारिज किया। अभियोजन कथनानुसार रेन्ज केस सं0-02/नैना/2024-25-दिनाक 23.04.2024 को राजकुमार उपप्रभागीय वनाधिकारी नैनीताल वन प्रभाग नैनीताल को वन संरक्षक दक्षिणी कुमाऊं टी०आर० बीजूलाल ने सूचना दी कि ग्राम धिंघारी बजून के पास एक रिसोर्ट स्वामी व उसके सहयोगियों द्वारा जंगल से अवैध लकड़ी काटकर तथा अवैध खनन कर रिसोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। इस सूचना पर राजकुमार उपप्रभागीय वनाधिकारी नैनीताल वन प्रभाग नैनीताल मौके पर पहुंचे, उन्होंने पाया कि रिसोर्ट में अवैध रूप से लकड़ी व खनन सामग्री रखी पायी गयी जिसकी सूचना वन अधिकारियों को दी गयी और मौके पर मनोज कुमार वन दरोगा, कमल महतोलिया वन आरक्षी, कु० नेहा पंत वन आरक्षी, रेन्जर प्रमोद चन्द्र तिवारी ग्राम धिंघारी रिसोर्ट कैम्प ट्यूलाईट पर पहुंचे तो पाया कि अभियुक्त धर्मेन्द्र रिसोर्ट स्वामी, केयर टेकर चन्दन सिंह, कर्मचारी टोपा बहादुर, कर्मचारी स्वदेश द्वारा रिसोर्ट का निर्माण करवाया जा रहा था और मौके पर रिसोर्ट के परिसर का निरीक्षण किया तो निम्न वस्तुयें पायी गयी।-एक गैंटी, एक बिल्चा, एक जाली, 72 चीड़ के तख्ते जिनकी ल० 10 फिट व चौडाई 6 इंच, 40 चीड़ के तख्ते ल० 8 फिट चौड़ाई 6 इंच, 48 चीड़ के तख्ते 7 फिट लम्बे, 6 इंच चौड़े, बांज के गिल्टे जिनकी सं0-60 थी और रेता 3 ढेर उक्त कार्यवाही के दौरान 2 स्वतन्त्र साक्षी दीपक व मोहित को भी वन विभाग कर्मियों द्वारा साथ लेकर उक्त अवैध वस्तुओं को मौके पर कब्जे में लेकर फर्द बरामदगी तैयार की थी तथा उक्त माल को कब्जे में लेकर पंगूट बन विश्राम भवन में सुरक्षा की दृष्टि से रखा गया है। दिनांक 24.04.2024 को उक्त घटना के संदर्भ में एच-2, नैना रेन्ज केस सं0-02/नैना/2024-25 उपरोक्त चारों अभियुक्तगणों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया।
-रेन्ज केस सं0-03/नैना/2024-25-के मामले में दिनांक 23.04.2024 को पुनः वन विभाग की टीम विस्तृत जांच करने हेतु मनोज कुमार वन दरोगा, कमल महतोलिया वन आरक्षी, कु० नेहा पंत वन आरक्षी, रेन्जर प्रमोद चंद्र तिवारी रिसोर्ट कैम्प ट्यूविलाइंट ग्राम धिंधारी बजून पहुंचे मौके पर चन्दन सिंह पुत्र जगत सिंह नि० ग्राम अधौड़ा मिला और पुनः रिसोर्ट के आसपास जांच की गयी तो रिसोर्ट के एक कमरे के बाहर दीवार में टंगा हुआ एक काकड़ का मुंह मय दो सींग पूर्ण रूप से बरामद हुआ। सीग की लम्बाई लगभग 9 इंच बरामद हुआ, जिसे भी नियमानुसार वन विभाग कर्मियों द्वारा स्वतन्त्र साक्षियों चन्दन सिंह, दीपक सिंह व मनोज सिंह के सम्मुख कब्जे में लिया गया. अभियुक्तगणों का यह अपराध वन्य जीव सरक्षण अधि०-1972 की धारा-39,40,44,52,57/51 के अन्तर्गत अभियुक्तगणों द्वारा अपराध कारित किया है और काकड़ वन्य जीव संरक्षण अधि० की अनुसूची-१ का दुलर्भ प्राणी है। मौके पर कार्यवाही के पश्चात दिनांक 24.04.2024 को अभियुक्त धर्मेंद्र व चन्दन के विरूद्ध रेन्ज फेस सं0-03/नेना/2024-25 का अपराध पंजीकृत किया।
-रेन्ज केस सं0-04/नैना/2024-25-दिनाक 25.04.2024 को ही उक्त रिसोर्ट का निरीक्षण करने के उपरान्त मौके पर 1 लकड़ी काटने का कटर जिसका व्यास 20 सेमी०. 99 चीड़ के तख्ते लम्बाई 10 फिट व 7 इंच चौड़े, 352 नग चीड के तख्तै लम्बाई 10 फिट व चौड़ाई 7 इंच. 8 चीड की बानी ल० 10 फिट 112 चीड के तराते ल० 10 फिट व चौ० 7 इच बरामद हुए। -रन्ज बोस सं०-05/नैना/2024-25-दिनांक 25.04.2024 को परिसर के आस-पास उपरोक्त वन कर्मियों द्वारा जनता के गवाह चन्दन सिंह, दीपक सिंह, मनोज के सम्मुख पुनः क्षेत्र का निरीक्षण किया गया तो पाया कि अभियुक्त धमेन्द्र व चन्दन द्वारा आरक्षित वन क्षेत्र अधौड़ा कक्ष सं०-सब में एक वर्मा ब्रिज, एक ट्रिपल रोप ब्रिज 1 कमाण्डो नेट, १ डबल रोप ब्रिज, 1 लेडर क्लाकविंग, १ रोप कलाकटिंग, पृक्षों के माध्यम से लटकाये गये थे, उक्त कार्य को करने की यन विभाग से कोई अनुमति प्राप्त नहीं की गयी थी उक्त आमदी-रक्सी विभिन्न प्रकार की जिसकी लम्बाई, 1224.5 भानेटकर जिला शासकीय
शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा अभियुक्त धर्मेन्द्र सिह के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए तर्क रखा कि अभियुक्त धर्मेन्द्र सिंह पुत्र किशन सिंह ट्रैविलाईट रिजार्ट खुर्पाताल, थाना तल्लीताल का स्वामी है और मामले में मुख्य अभियुक्त है। अभियुक्त धर्मेन्द्र के उक्त रिजॉर्ट से भारी मात्रा में अवैध इमारती लकड़ी, तख्ते व बल्लियों व बांज के गिल्टे अवैध खनन के उपकरण के साथ-साथ वन्य जीव जन्तु संरक्षण अधि० के शेडयूल-1 काकड़ के मुंह का ककाल मय दो सींग तथा आरक्षित वन क्षेत्र के अन्तर्गत अवैध रूप से पर्यटन गतिविधि संचालित करने संबंधित गंभीर आरोप है तथा अभियुक्त द्वारा आरक्षित वन क्षेत्र के अन्तर्गत अवैध रूप से पर्यटन गतिविधि संचालित की जा रही थी। सह-अभियुक्त चन्दन सिंह, टोपा बहादुर शाही द्वारा भी अपनी जमानत प्रार्थना पत्र में यही आधार लिया कि उक्त रिजार्ट का मालिक धर्मेन्द्र सिंह है, उसी के रिजार्ट में उक्त सामग्री बरामद हुई है। अभियुक्त धमेन्द्र सिंह के विरूद्ध रेन्ज केस सं0-2/ नैना/2024-25 धारा-26(1)/41/42 दिनांक 24.04.2024, रेन्ज केस सं0-3/नैना/2024-25 धारा-39/40/44/52/57/51 वन्य जीव संरक्षण अधि0-1972 दिनांक 25.04.2024, रेन्ज केस सं0-4/ नैना/2024-25 धारा-26 (1), 41/42,51 दिनांक 25.04.2024 को एवं रेन्ज केस सं0-5/नैना / 2024-25, धारा-26 (1) (डी) भारतीय वन अधिनियम दिनांक 25.04.2024 दर्ज है। अभियुक्त धर्मेन्द्र द्वारा अपने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में अभियोजन के इस तथ्य को साबित किया है कि वह ट्रैविलाईट कैम्प का स्वामी है और यह भी स्वीकार किया है कि उक्त रिजार्ट का संचालक चन्दन सिह, मजदूर टोपा बहादुर हैं। न्यायालय द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त धर्मेन्द्र सिंह का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया गया।

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