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देहरादून। देहरादून में शराब कारोबारियों और बिल्डरों के ठिकानों पर आयकर विभाग की चार दिन तक चली छापेमारी पूरी हो गई। इन चार दिनों में छह कारोबारियों से 10 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए गए। जब्त संपत्ति पर कारोबारियों को अपने पक्ष रखने का अवसर मिलेगा। विभाग की टीमें शनिवार देर रात तक लौट गईं।

इस कार्रवाई से देहरादून में व्यापार और रियल एस्टेट क्षेत्र में हलचल रही। आयकर विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई संपत्ति का सत्यापन और कर चोरी रोकने के उद्देश्य से की गई है। दिल्ली में चार स्थानों पर कार्रवाई करने के बाद टीम देहरादून पहुंची थी। करीब 100 अधिकारियों की टीम ने यहां 16 ठिकानों पर कार्रवाई की।
सूत्रों के अनुसार, बिल्डर राकेश बत्ता और रमेश बत्ता के आवास और बल्लूपुर चौक स्थित कार्यालय में टीम ने सबसे अधिक समय बिताया। छापेमारी के दौरान तीन करोड़ रुपये नकद और सात करोड़ रुपये मूल्य के आभूषण बरामद किए गए। कारोबारियों ने नकदी और आभूषणों का कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया, इसलिए इन्हें जब्त किया गया।
विभाग ने कारोबारियों के घर और दफ्तरों से कई कंप्यूटर, लैपटॉप और टैब भी जब्त किए हैं। सभी उपकरणों की फाॅरेंसिक जांच होगी। डिलीट किए गए डाटा को रिकवर करने के साथ वित्तीय साक्ष्यों की जांच की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, कारोबारियों के विभिन्न बैंकों में कुल 22 लॉकर हैं। विभाग लॉकरों में रखी संपत्ति और दस्तावेजों की भी गहन जांच करेगा। इसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

आयकर विभाग ने बुधवार सुबह देहरादून में रियल एस्टेट कारोबारी राकेश बत्ता, रमेश बत्ता, इंदर खत्री, विजेंद्र पुंडीर और शराब कारोबारी कमल अरोड़ा, प्रदीप वालिया के घर और प्रतिष्ठानों पर छापेमारी शुरू की थी।

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