रुद्रपुर। दो अलग-अलग मामलों में रुद्रपुर के एक बैंक में फर्जी रजिस्ट्री जमा कर 7.5 करोड़ रुपये का लोन लेने और लोन नहीं चुकाने का दो लोगों पर आरोप है। दोनों मामलों में फर्म की जमीन के लिए लोन लिया गया था। करीब आठ साल तक रकम वापस नहीं करने पर बैंक ने बंधक जमीन के रजिस्ट्री पेपर की जांच की तो पेपर फर्जी पाए गए। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दोनों मामलों में केस दर्ज कर लिया है।
रुद्रपुर स्थित एक बैंक शाखा के सहायक महाप्रबंधक ने कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वर्ष 2016 में रामजी विहार देवलचौड़ हल्द्वानी निवासी दंपति विशाल सिंह और उनकी पत्नी स्वीटी सिंह ने पंतनगर में एक फर्म के लिए जमीन खरीदने को लोन का आवेदन किया था। बैंक ने एक लिखित एग्रीमेंट किया। दंपति ने व्यावसायिक संपत्ति को अपने नाम रजिस्ट्री कराना बताकर बैंक से चार करोड़ का लोन लिया। इसके बाद मूल रजिस्ट्री को बैंक में बंधक रखा गया। लोन की रकम ट्रांसफर होने के बाद दंपति ने बैंक को कोई किस्त नहीं दी। वहीं बार नोटिस देने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। 31 जुलाई 2024 को बैंक की ब्याज के साथ रकम 5,39,17,846 रुपये की हो चुकी है। इसके बाद बैंक को पता चला कि बैंक में बंधक रजिस्ट्री दंपति के नाम पर नहीं है।
इधर, बैंक के सहायक महाप्रबंधक ने कोर्ट में एक और प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें कहा कि वर्ष 2015 में छड़ायल नया गांव बद्री विशाल कॉलोनी हल्द्वानी निवासी जीवन चन्द्र और आइडिया कॉलोनी किच्छा रोड रुद्रपुर निवासी शुचि भारद्वाज ने पार्टनरशिप में इंस्पिरेशन सर्विसेज के नाम की फर्म पर प्रॉपर्टी के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपये का लोन लिया था। कई बार नोटिस देने के बाद भी कोई रकम बैंक में जमा नहीं कराई गई। आरोप है कि दोनों मामलों में कूटरचित तरीके से फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर बैंक और लोक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। इनके खिलाफ बैंक से भवन ऋण भी चल रहे हैं। बैंक के अधिवक्ता उनकी सम्पत्ति के पेपरों की जांच कर रहे हैं। मामले में उन्होंने रुद्रपुर कोतवाली पुलिस और एसएसपी को शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट की शरण ली। रुद्रपुर कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया है।